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Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024 (15:01 IST)

क्या है मुंबई स्थित महालक्ष्मी मंदिर का रहस्यमयी इतिहास,समुद्र से निकली थी यहां माता की मूर्ति

महालक्ष्मी के इस मंदिर में मात्र सिक्का चिपकाने से पूरी होती है भक्तों की मुराद

Mahalaxmi Mandir Mumbai: क्या है मुंबई स्थित महालक्ष्मी मंदिर का रहस्यमयी इतिहास,समुद्र से निकली थी यहां माता की मूर्ति - Mahalaxmi Temple Mumbai
Mahalaxmi Temple Mumbai

Dhanteras 2024: धनतेरस, दिवाली महोत्सव का पहला दिन होता है, जो समृद्धि और धन की देवी महालक्ष्मी की पूजा से जुड़ा है। इस शुभ अवसर पर, मुंबई स्थित महालक्ष्मी मंदिर विशेष रूप से भक्तों के बीच चर्चा में रहता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि यह मंदिर धनतेरस पर इतना महत्वपूर्ण क्यों है और इसके पीछे क्या कहानी है।

महालक्ष्मी मंदिर का इतिहास (Mahalakshmi Mandir History)
मुंबई के महालक्ष्मी मंदिर की स्थापना 1831 में की गई थी। इसका निर्माण एक स्थानीय व्यापारी, धकजी दादा ने करवाया था। कहते हैं कि जब मुंबई का समुद्री किनारा एक बांध बनाने के दौरान ध्वस्त हो रहा था, तब महालक्ष्मी ने एक स्वप्न में धकजी दादा को दर्शन दिए और उन्हें इस स्थान पर मंदिर बनाने का निर्देश दिया। मंदिर के निर्माण के बाद बांध का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा हो गया। तभी से महालक्ष्मी मंदिर को चमत्कारी मानकर भक्तों का सैलाब यहां उमड़ने लगा।
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मंदिर का महत्व (Significance of the Temple)
महालक्ष्मी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि श्रद्धा का प्रतीक भी है। यहाँ महालक्ष्मी के साथ महाकाली और महासरस्वती की भी मूर्तियाँ स्थापित हैं, जो त्रिदेवी के रूप में जानी जाती हैं। यह मंदिर धन, समृद्धि और शांति का प्रतीक है, और खासकर धनतेरस के दिन यहाँ की विशेष पूजा भक्तों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

सिक्का चिपकाने की अनोखी मान्यता
महालक्ष्मी मंदिर की एक ख़ासियत है कि लोग इस मंदिर की दीवार पर सिक्के चिपकाकर मन्नत मांगते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भी मन्नत यहां मांगी जाती है, वो जरूर पूरी होती है। इस मंदिर में अपनी मन्नत के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। लोग यहां सिक्का चिपकाकर मन्नत मांगते हैं।
 
धनतेरस और महालक्ष्मी मंदिर की विशेष पूजा (Special Dhanteras Puja at Mahalakshmi Temple)
धनतेरस के दिन भक्त महालक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिर में उमड़ते हैं। माना जाता है कि इस दिन महालक्ष्मी का आशीर्वाद लेने से घर में सुख-समृद्धि और धन की वर्षा होती है। मंदिर को इस दिन विशेष रूप से सजाया जाता है और दीपों से मंदिर का हर कोना रौशन होता है। भक्त यहाँ आकर सोने-चांदी के आभूषण और नए बर्तन खरीदते हैं, जो समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं।

मंदिर में दर्शन के दौरान पालन करें ये नियम (Important Tips for Devotees)
आरती का समय: मंदिर में सुबह और शाम दोनों समय आरती होती है। यदि आप विशेष दर्शन करना चाहते हैं, तो आरती के समय पर पहुँचना उचित रहेगा।
सुरक्षा और व्यवस्था: धनतेरस के दिन मंदिर में भारी भीड़ रहती है, इसलिए अपनी सुरक्षा के लिए निर्धारित कतारों का पालन करें।
भक्तों के लिए सुविधा: मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रसाद और जल की व्यवस्था भी रहती है।
क्यों है यह मंदिर भक्तों के बीच इतना लोकप्रिय? (Why is Mahalakshmi Temple so Popular?)
महालक्ष्मी मंदिर के प्रति लोगों की आस्था का प्रमुख कारण इसकी ऐतिहासिकता और इसके चमत्कारी किस्से हैं। इसके अलावा, धनतेरस के शुभ दिन महालक्ष्मी की पूजा यहाँ विशेष फलदायी मानी जाती है। मुंबई में रहने वाले और बाहर से आने वाले लोग अपनी समृद्धि और आर्थिक उन्नति के लिए महालक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजा करने आते हैं।

मंदिर तक कैसे पहुंचे? (How to Reach Mahalakshmi Temple?)
महालक्ष्मी मंदिर मुंबई के प्रसिद्ध महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन के पास स्थित है, जिससे यहाँ पहुँचना काफी आसान है। यह मंदिर मुंबई के दक्षिणी हिस्से में स्थित है, और लोकल ट्रेनों, टैक्सी या ऑटो-रिक्शा के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है।