नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों से पहले कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए आलोचना का सामना कर रहे भाजपा नेता कपिल मिश्रा और हिंसा के शिकार कुछ पीड़ितों के परिवारों ने शनिवार को कनॉट प्लेस में जिहादी आतंकवाद के खिलाफ शांति मार्च निकाला। इस दौरान कुछ लोगों ने देश के गद्दारों को गोली मारो... के नारे लगाए।
एनजीओ दिल्ली पीस फोरम ने इसका आयोजन किया था। जंतर-मंतर से संसद मार्ग थाने तक शनिवार को निकाले गए शांति मार्च के दौरान मिश्रा ने न तो नारेबाजी की और न ही सभा को संबोधित किया। जंतर-मंतर पर सैकड़ों की संख्या में जुटे लोगों के हाथ में तिरंगा था और हवा में जय श्री राम, भारत माता की जय के नारे गूंज रहे थे।
मार्च के आयोजकों ने हिंसा के दौरान मारे गए हेड कांस्टेबल रतनलाल और आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। हिंसा में अब तक 42 लोगों की जान जा चुकी है। जब मार्च कनॉट प्लेस से गुजर रहा था, तो कुछ लोगों ने देश के गद्दारों को गोली मारो... के नारे लगाए गए। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों और अन्य पीड़ितों ने अपनी आपबीती भी सुनाई।
मार्च में शामिल सुरेश कुमार ने कहा कि 25 फरवरी को उसके भाई दिनेश कुमार खटीक को गोली मार दी गई, जब वह यह देखने गया था कि दुकानें खुली हैं या नहीं।
उसने बताया कि उसे शिव विहार पुलिया के पास गोली मार दी गई, जहां पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया गया था। मैंने उसे जीटीबी अस्पताल में पाया, जहां वह वेंटिलेटर पर था। हालत बेहद नाजुक होने के कारण अगले दिन उसने दम तोड़ दिया। उसके दो बच्चे हैं, एक एक-साल का है, तो दूसरा सात साल का है।
हिंसा में जान गंवाने वाले आलोक तिवारी के साले सुमित ने बताया कि आलोक को सिर में गोली लगी थी, जब वह मंगलवार को करावल नगर स्थित कारखाने से घर लौट रहा था।
उसने बताया कि उसकी गलती यह थी कि वह बच्चों के लिए फल खरीदने के लिए रुका। मेरी बहन को पता चला कि उस पर हमला किया गया है और पड़ोसियों की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने अगले दिन दम तोड़ दिया। उसका चार साल का एक बेटा और नौ साल की एक बेटी है।
मार्च में शामिल अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि सांप्रदायिक हिंसा सुनियोजित थी और इसका मकसद हिंदुओं को निशाना बनाना था।
मार्च को संबोधित करने वाले लोगों में शामिल लेफ्टिनेंट जनरल कोहली ने कहा कि यह पुलिस को बदनाम करने और उनके मनोबल को कम करने के लिए किया जा रहा है। हमने पुलिस को पंचिंग बैग बना दिया है। हमें सतर्क नागरिक बनना होगा और जो लोग इस तरह के हमलों के लिए जिम्मेदार हैं उन लोगों को बेनकाब किया जाना चाहिए।
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सभा को संबोधित नहीं किया, हालांकि उन्होंने पहले एक ट्वीट पोस्ट कर लोगों से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा था। उन्होंने मार्च के वीडियो भी पोस्ट किए और कहा कि चाहे आप कितना भी झूठ फैलाएं, लोगों को सच्चाई पता है।
भड़काऊ भाषण देने के आरोपों का सामना करने वाले मिश्रा ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उन्होंने केवल यह मांग की थी कि सड़कों को सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों से मुक्त किया जाए।
इससे पहले, दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर एक ट्रेन में और राजीव चौक स्टेशन पर शनिवार को कुछ युवाओं ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में नारे लगाए। उन्होंने देश के गद्दारों को, गोली मारो... का नारा भी लगाया।
दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा देखने वाले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों ने प्रदर्शन कर रहे 6 व्यक्तियों को हिरासत में लिया और उन्हें दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया। (भाषा)