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Written By भाषा

कांग्रेस का सुशासन में भरोसा नहीं-मोदी

Delhi Assembly Elections | कांग्रेस का सुशासन में भरोसा नहीं-मोदी
नई दिल्ली। दिल्ली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि....

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* कांग्रेस जनता की आंखों में धूल झोंक रही है।
* गुजरात सरकार ने 'वनडे गवर्नेंस' (वनडे क्रिकेट की तरह) का उदाहरण पेश किया है।
* कांग्रेस का सुशासन में भरोसा ही नहीं है।
* यमुना पार के लोगों कोई मदद नहीं मिली, साथ ही इन्होंने यमुना को न सिर्फ गंदा किया बल्कि कलंकित भी किया है।
* दिल्ली की सरकार ने कॉमनवेल्थ घोटाला किया, जबकि यह एक अवसर था दिल्ली की वाहवाही कराने का।
* इन्होंने दिल्ली को आगे बढ़ाने का मौका दिया है। ये कुशासन की आदत वाले लोग हैं।
* कांग्रेस की बेड गवर्नेंस ने पूरे देश को खोखला कर दिया, जिस तरीके से डायबिटीज पूरे शरीर को खोखला कर देती है
* कांग्रेस पार्टी गवर्नेंस से कोई लेना देना नहीं।
* वे वोट बैंक और जोड़तोड़ की राजनीति करते हैं।
* देश की आजादी के बाद यदि सुराज और सुशासन पर ध्यान दिया तो हम आज विकसित राज्यों की गिनती में आते। इनका सुराज और सुशासन में विश्वास नहीं है।
* हर्षवर्धन आपके बीच के हैं और वे आपकी समस्याओं को अच्छी तरह समझते हैं।
* दिल्ली का सबसे ज्यादा समस्या वाला इलाका यमुना पार का इलाका है।
* आपकी तबाही, बर्बादी और कठिनाइयों का कारण कांग्रेस है।
* दिल्ली वाले झूठ बोल रहे हैं कि दिल्ली से ज्यादा बिजली गुजरात में महंगी है, जबकि हकीकत कुछ और है। गुजरात में 30 यूनिट वालों से डेढ़ रुपए लिए जाते हैं, जबकि दिल्ली में 3.90 रुपए लिए जाते हैं।
* दिल्ली में व्यावसायिक बिजली की दर औसत 8 रुपए है, जबकि गुजरात में 4.92 रुपए है।
* गुजरात में भाजपा सरकार किसानों को बिजली के लिए 3000 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाती है।
* मोदी की गलतियां ढूंढते हैं, लेकिन ये लोग गुजरात की बिजली की सही दर नहीं निकाल पाए

* मोदी... मोदी... के नारों के बीच नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री सबसे बड़े अर्थशास्त्री हैं, देश के वित्तमंत्री भी काफी पढ़े-लिखे हैं। हम उन पर टिप्पणी नहीं कर सकते। पहली सरकार बनने के समय इनकी तारीफ हुई थी कि सरकार में काफी दिग्गज हैं।
* इन दिग्गजों ने देश को डुबो दिया।
* वे कहते हैं कि हमें मोदी से अर्थशास्त्र सीखने की जरूरत है। अरे, मोदी से मत सीखो कम से कम नरसिंहराव और अटलबिहारी वाजपेयी से ही सीख लेते।
* इन दोनों महापुरुषों को लोगों की समस्याओं का पता था।
* मनमोहनसिंह सरकार के एक मंत्री खुद को बहुत ही बुद्धिमान मानते हैं। जब ईश्वर बुद्धि बांट रहा था तो वे लाइन में सबसे आगे थे। बाकी हम सब खाली है।
* वे कहते हैं कि महंगाई इसलिए बढ़ रही है क्योंकि गरीब दो सब्जियां खाने लगे हैं।
* क्या गरीब को सब्जी खाने का अधिकार नहीं है।
* ये लोग क्या भाषा बोल रहे हैं। ये उनकी नीयत को दिखाता है

* महंगाई तब बढ़ी जब कांग्रेस का कुशासन आया।
* जब अटलजी ने सरकार बनाई क्या तब महंगाई बढ़ी।
* मोरारजी भाई के प्रधानमंत्री काल में भी महंगाई नहीं बढ़ी। वह भी गठबंधन सरकार थी।
* इनकी नीयत ठीक नहीं है।
* कांग्रेस ने 100 दिन में महंगाई घटाने का वादा किया था, लेकिन महंगाई घटने के बजाय और बढ़ गई।

* क्या पिछले 15 सालों में आपने यमुना की सफाई होते देखी है।
* राष्ट्रमंडल खेलों को बहुत वक्त हो गया, कनाट पैलेस की रोड का क्या हुआ।
* आपकी सरकार पांच साल की बच्ची के सम्मान की रक्षा नहीं कर सकती तो पूरी दिल्ली के सम्मान की रक्षा क्या करेगी।
* महिलाओं की हत्या होती है तो मुख्यमंत्री शीला दीक्षित कहती है कि शाम को महिलाएं घर क्यों छोड़ती है।
* दिल्ली में लाखों लोग बेरोजगार है पर शीला दीक्षित को इसकी चिंता नहीं है।
* पिछले 15 सालों में आपने पुलिस को अपने कंट्रोल में लाने के लिए क्या किया।
* दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आपने क्या किया।

* दिल्ली के शहंशाह जनता को अपने काम का हिसाब देने को तैयार नहीं है।
* छत्तीसगढ़ में रमनसिंह और मध्यप्रदेश में शिवराजसिंह हजारों किलोमीटर चलकर जनता को हिसाब दे रहे हैं।
* जनता को पाई-पाई का हिसाब देना चाहिए।
* मतदाता खुद चुनाव लड़ें, यह लोकतंत्र की सबसे अच्छी स्थिति है।
* चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव है।
* आज देश की जनता राजनीतिक दलों को समझने लगी है। दिल्ली की सरकारें जनता से पीछा छुड़ा रही हैं