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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 14 अक्टूबर 2024 (10:49 IST)

14 अक्टूबर: भारत की पहली महिला शासक रज़िया सुल्तान की पुण्यतिथि

रजिया सुल्तान कौन थी?

14 अक्टूबर: भारत की पहली महिला शासक रज़िया सुल्तान की पुण्यतिथि - razia sultan death anniversary 2024
razia sultan : आज, 14 अक्टूबर को प्रथम मुस्लिम शासिका रजिया सुल्‍तान की पुण्यतिथि है। आइए यहां जानते हैं कैसा था उनका शासन और आखिर कौन थी रजिया सुल्‍तान, उनके बारे में रोचक जानकारी।
 
रजिया सुल्तान का परिवार और बचपन : जब एक वक्त था तब मोहम्मद गौरी ने हिंदुस्तान को फतह कर लिया था। फतह के बाद मोहम्मद गौरी ने हिंदुस्तान की कमान अपने गुलाम यानी दामाद कुतुबुद्दीन को दे दी। इस तरह कुतुबुद्दीन हिंदुस्तान का पहला मुसलमान सुल्‍तान बना। कुतुबुद्दीन की मौत के बाद यह बागडोर उनके दामाद सुल्तान अल्तमश को मिली और सुल्‍तान अल्तमश की बेटी रजिया थी। वह बहुत बहादुर और साहसी थी।
 
जानकारी के अनुसार रजिया के ग्यारह भाई थे, लेकिन सुल्तान अल्तमश अपनी बेटी से पहले सलाह लेते थे। रजिया सुल्‍तान अपने भाइयों से बहुत आगे थी। बचपन में ही घुड़सवारी, तलवारबाजी सीख ली थी। बचपन से ही रजिया सुल्‍तान को शासन-प्रशासन में काफी रूचि थी इस कारण सुल्तान अल्तमश जब कभी जाते थे तो वह अपनी बागडोर रजिया के हाथ में सौंपकर जाते थे। सुल्‍तान अल्‍तमेश को अपनी बेटी पर बहुत भरोसा था, अत: उन्‍होंने पहले ही यह घोषित कर दिया था कि मेरे मरने के बाद इस सल्तनत का अगला सुल्तान रजिया सुल्‍तान होगी। इसी कारण रजिया सुल्‍तान ने प्रथम महिला सुल्‍तान के रूप में दिल्ली पर शासन किया था।  
 
पहली मुस्लिम शासक थीं रजिया सुल्तान : पौराणिक जानकारी के अनुसार रजिया सुल्‍तान वह पहली शख्सियत थी, जो सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हुकूमत की गद्दी पर बैठने वाली महिला थी। आपको बता दें कि इससे पहले संपूर्ण दुनिया में महिला मुसलमान में किसी ने भी हुकुमत की गद्दी को न ही संभाला था और ना ही शासन किया था। रजिया पूरे मुस्लिम इतिहास में कहीं पर भी हुकूमत करने वाली पहली मुस्लिम थी। सुल्‍तान अल्‍तमेश ने चांदी के टंके पर उसका नाम अंकित करा दिया था। रजिया सुल्‍तान ने पर्दा प्रथा का विरोध किया और पुरुषों के समान वेशभूषा धारण करने लगी। तथा वह काबा कोट पहन कर दरबार में बैठती थी, अत: इस तरह भारत की प्रथम मुस्लिम शासिका बनी थीं रजिया सुल्‍तान।
 
रजिया सुल्‍तान की मृत्यु कैसे हुई थी : रजिया सुल्‍तान ने अपने समय में कई स्कूल और शिक्षा केंद्र खुलवाए और कई जगहों पर लाइब्रेरियां भी बनवाईं, जहां प्राचीन किताबों का संग्रह रखा जाता था। रजिया सुल्‍तान ने कई रूढ़िवादी परंपराओं को भी दरकिनार करना शुरू कर दिया। रजिया ने पर्दा प्रथा का विरोध किया पुरुषों की तरह अपना रहन-सहन और ढंग अपना कर रूढ़िवादी मुस्लिमों को चौका दिया। इसके बाद नए सिक्के बनवाए, जिस पर लिखा था- महिलाओं का स्तंभ, समय की रानी, सुल्तान शम्सुद्दीन अल्तमश की बेटी। कहा जाता है कि रजिया सुल्‍तान को अपने सलाहकार जमात-उद-दिन-याकूत से प्यार हो गया था और दोनों के बीच रिश्ते भी थे, लेकिन यह भी कहा जाता है कि वे सिर्फ अच्‍छे दोस्‍त थे।

उन्होंने कई काबिले तारीफ निर्णय भी लिए थे, लेकिन दुश्‍मनों को इस तरह एक लड़की का गद्दी पर बैठना तथा पुरुषों पर शासन करना सहा नहीं गया अत: रजिया का शासनकाल बहुत लंबे समय तक नहीं चल सका। फिर भी रजिया के हाथ से दिल्‍ली की बागडोर छूट जाने के बाद उन्होंने फिर से उसे पाने की कोशिश की, लेकिन ऐसा हो न सका और उन्‍हें दिल्ली छोड़कर भागना पड़ा, इस दौरान लोगों ने लूट लिया था और रजिया सुल्तान की दिल्‍ली में ही 14 अक्टूबर 1240 को हत्या की गई थीं।

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