नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है, जिसमें गत वर्ष नोटबंदी के समय का एक फोटो भी ट्वीट किया गया है। इस फोटो में एक वृद्ध को रोते हुए दिखाया गया है। इसका शीर्षक है- In case you missed it.
इसके साथ ही एक शेर भी लिखा गया है- 'एक आंसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है, तुमने देखा नहीं आंखों का समुंदर का होना'। दरअसल, नोटबंदी की बरसी पर राहुल लोगों को यह याद दिलाना चाह रहे हैं कि लोगों को उस समय बैंकों की लाइन में लगकर कितनी मुसीबत झेलना पड़ी थी।
मगर, यहां राहुल गांधी से थोड़ी सी चूक हो गई। 'पत्रिका' की रिपोर्ट के मुताबिक नोटंबदी के दौर में रोते हुए जिस शख्स की तस्वीर को दिखाया गया था, वह तस्वीर गुरुग्राम (गुड़गांव) में बैंक की लाइन में लगे 80 वर्षीय नंदलाल की थी। उस समय नंदलाल भी आम लोगों की तरह लाइन में लगे थे। तब यह फोटो 'नोटबंदी की पीड़ा' का प्रतीक बन गया था और विरोधियों ने उस फोटो को खूब भुनाया भी था।
नंदलाल ने बताया कि वे पैसे नहीं मिलने की वजह से नहीं रोए थे। दरअसल, भीड़ में से किसी ने उन्हें धक्का दे दिया था और फिर एक महिला ने उनके पांवों को कुचल दिया था। दर्द की वजह से ही उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। पूर्व फौजी नंदलाल का कहना था कि सरकार जो भी फैसले लेती है वह लोगों की भलाई के लिए ही होते हैं। वे मरते दम तक सरकार के फैसले के साथ हैं।