गत विजेता इंग्लैंड आधे विश्वकप से पहले ही बाहर, क्यों रहा लचर प्रदर्शन
अभी वनडे विश्वकप अपने आधे मुकाम पर भी नहीं पहुंचा है और एक बड़ी टीम इंग्लैंड जिसे ना केवल सेमीफाइनलिस्ट माना जा रहा था बल्कि इस कप में उतरने से पहले गत विजेता भी था। वह वनडे विश्वकप से बाहर हो चुका है।
कुल 5 में से 4 मैच हारकर इंग्लैंड ना केवल सिर्फ बांग्लादेश के खिलाफ 2 अंक अर्जित कर पाया बल्कि रन रेट में भी फिसलता चला गया। इंग्लैंड की रन रेट -1.63 हो गई है अगर वह अपने बचे 4 मैच जीत भी ले तो 10 अंक से उसकी रन रेट प्लस में नहीं दिखेगी। जिस प्रतियोगिता से टीमें भिड़ रही हैं, 10 अंक पर सेमीफाइनल का टिकट वैसे भी एक कपोल कल्पना है।
इंग्लैंड की शुरुआत ही न्यूजीलैंड से 8 विकेट की हार से हुई। बांग्लादेश के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज कर इंग्लैंड ने वापसी जरूर की लेकिन इसके बाद टीम अफगानिस्तान के खिलाफ 69 रनों से उलटफेर का शिकार हुई। यहां से इंग्लैंड फिसलती चली गई।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम को अपने वनडे इतिहास की सबसे बड़ी हार (229 रन) मिली। इसके बाद श्रीलंका ने 156 पर समेटकर 2 विकेट खोकर आसान जीत दर्ज की। इंग्लैंड के लिए शुरुआत से ही चीजें सही नहीं रही।
1)
जोफ्रा आर्चर और जेसन रॉय की कमी खलीसाल 2019 में इंग्लैंड को विश्वकप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) और जेसन रॉय (Jason Roy) को इंग्लैंड ने स्कॉड में शामिल नहीं किया। जोफ्रा आर्चर के साथ फिटनेस के मसले थे लेकिन जेसन रॉय को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। इन दोनों खिलाड़ियों के ना होने से बल्लेबाजी और गेंदबाजी की शुरुआत प्रभावित हुई।
2)
चोट से मुख्य गेंदबाज रीस टॉप्ली बाहर, स्टोक्स भी देर से जुड़ेचोट के कारण इंग्लैंड का मुख्य गेंदबाज रीस टॉप्ली बाहर हो गया जो बेहतर प्रदर्शन कर रहा था। वहीं बेन स्टोक्स टीम के डगआउट में उबासी लेते हुए पाए गए। उनका शुरुआती 3 मैचों में ना होना टीम को बहुत खला खासकर अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में। टीम से वापस जुड़कर भी वह कुछ खास असर नहीं डाल पाए।
3)
जॉस बटलर का अति आत्मविश्वान और खराब कप्तानीजॉस बटलर की कप्तानी और निर्णय लेने की क्षमता पर लगातार सवाल उठते रहे। खासकर मुंबई के वानखेड़े की पिच पर South Africa (ENGvsSA) के खिलाफ टीम ने पहले गेंदबाजी कर 399 रन पड़वा दिए। स्थितियों को पढने में जॉस बटलर (Jos Buttler) विफल रहे। इसके अलावा टीम अति आत्मविश्वास से भी भरी आई। टीम ने अफगानिस्तान और श्रीलंका को हल्के में लेने की गलती की। इसका खामियाजा टीम को विश्वकप गंवाने से करना पड़ रहा है।