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Written By ND

निधन दिलीप सरदेसाई का

दिलीप सरदेसाई क्रिकेट निधन
- स्वरूप बाजपेय
दिलीप सरदेसाई का जिक्र भारत की उन दो ऐतिहासिक विजयों की याद दिला देता है जो टीम ने अजित वाडेकर के नेतृत्व में प्राप्त की थीं। ऐतिहासिक इसलिए कि भारतीय टीम ने पहली मर्तबा वेस्टइंडीज को वेस्टइंडीज में और इग्लैंड को इंग्लैंड में पराजित करते हुए टेस्ट श्रृंखला जीतने का श्रेय प्राप्त किया था। बात 1970-71 (वेस्टइंडीज) तथा 1971 (इंग्लैंड) की है।

सरदेसाई न केवल टीम से खेले थे बल्कि टीम की जीत के प्रमुख सहयोगी भी रहे थे। 1970-71 में महान सोबर्स की टीम को भारत ने पोर्ट ऑफ स्पेन में सात विकेट से पराजित किया था (यह 25 टेस्ट में भारत की पहली जीत थी)। सरदेसाई ने भारत की पहली पारी में सबसे ज्यादा 112 रन स्कोर किए थे।

1971 में भारत ने ओवल टेस्ट रे इलिंगवर्थ की टीम से चार विकेट से छीना था (इंग्लैंड में 22 मैचों में भारत की पहली विजय)। सरदेसाई ने पहली पारी में फारुख इंजीनियर (59) के बाद सर्वाधिक 54 तथा दूसरी पारी में कप्तान वाडेकर (45) के बाद सर्वाधिक 40 रनों का योगदान दिया था।

दोनों श्रृंखलाओं की एक-एक टेस्ट विजय ने भारत को श्रृंखलाई जीत का सुख भी दिला दिया था। निश्चित ही दोनों विजयों में सरदेसाई का महत्वपूर्ण योगदान था। 2 जुलाई 2007 को 66 वर्षीय सरदेसाई का निधन हो गया।

सरदेसाई का टेस्ट करियर : सरदेसाई ने अपना पहला टेस्ट टेड डेक्स्टर के नेतृत्व में भारत दौरे पर आई इंग्लिश टीम के खिलाफ कानपुर (श्रृंखला का दूसरा टेस्ट) में खेला था (दिसंबर 1961)। कानपुर के इसी टेस्ट से भारत के मशहूर विकेटकीपर फारुख इंजीनियर तथा इंग्लैंड के ऑल राउंडर बैरी नाइट ने भी टेस्ट स्टार्ट लिया था।

अपने पहले टेस्ट में वे सातवें क्रम पर उतरे थे तथा 28 रन बनाए थे। उनका खेला गया अंतिम टेस्ट भी इंग्लैंड के खिलाफ ही था, 1972-73 की श्रृंखला का दिल्ली में खेला गया पहला टेस्ट (दिसंबर 1972) जिसमें उनका योगदान रहा था 10 एवं 12 रन।

अपने इस 11 वर्षीय टेस्ट जीवन में सरदेसाई ने 12 टेस्ट श्रृंखलाओं के 30 मैचों की 55 पारियों में 2001 रन बनाए जिसमें उनकी पाँच शतकें व नौ अर्धशतकें शामिल थीं। उस दौर में क्रिकेट होता था कम अपनी 12 श्रृंखलाओं में से चार में वे केवल एक-एक टेस्ट खेल सके, शेष आठ श्रृंखलाओं में से तीन श्रृंखलाएँ प्रदर्शन के लिहाज से उल्लेखनीय रहीं- वि. इंग्लैंड 63-64 पाँच मैच 44.90 औसत 449 रन, वि. न्यूजीलैंड 64-65 तीन मैच 120 औसत से 360 रन तथा वि. वेस्टइंडीज 70-71 पाँच मैच 80.25 औसत से 642 रन।

शेष पाँच श्रृंखलाओं में से तीन में उन्होंने सौ से अधिक तथा दो में सौ से कम रन बनाए। मध्य क्रम एवं सलामी बल्लेबाजी दोनों में सरदेसाई सफल रहे। 1962 व 1971 में वेस्टइंडीज, 1967 व 1971 में इंग्लैंड तथा 1967-68 में ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड दौरे पर गई भारतीय टीम के सदस्य रहे। अपने अल्प टेस्ट जीवन में सरदेसाई 10 शतकीय साझेदारियों से भी जुड़े, उस दौर में दो दोहरे शतक बनाने का करिश्मा किया, श्रृंखला में 600 से अधिक रन बनाए। वे कम जरूर खेले, पर जितना भी खेले खूब खेले।

साम्य विजय मांजरेकर व दिलीप सरदेसाई में : कुछ बातों में भारत की दोनों क्रिकेट हस्तियों में अजीब-सी साम्यता है। कद-काठी की साम्यता इसमें पहली बात है, दोनों ही अपने प्रहारों में निर्मम रहे, अगर मांजरेकर ने डेक्स्टर की 1961-62 की इंग्लिश टीम के खिलाफ अपनी क्षमता का प्रमाण दिया था तो वही काम सरदेसाई ने सोबर्स की टीम के खिलाफ 1970-71 में किया। दोनों ही क्षेत्ररक्षण के मामले में कुशल नहीं रहे।

जहाँ मांजरेकर ने खेले गए 55 टेस्ट मैचों में 19 कैच लिए वहीं सरदेसाई ने 30 मैचों में 4 कैच लिए। दोनों भारतीय टीम के ऐसे सदस्य रहे जिन पर 'विश्वसनीय' का ठप्पा लग चुका था। संकट के समय दोनों अतिविश्वसनीय बन जाते थे। और एक बात, अपने ठोस खेल के लिए पहचाने गए दोनों ही खिलाड़ी इस मामले में दुर्भाग्यशाली रहे कि बीसीसीआई ने इन्हें कभी भारतीय टीम के नेतृत्व के योग्य नहीं समझा।

सरदेसाई- टेस्ट मैचों में : वि. वेस्टइंडीज 10 टेस्ट 45.05 औसत 811 रन, वि. इंग्लैंड 11 टेस्ट 35.87 औसत 674 रन, वि. न्यूजीलैंड 3 टेस्ट 120 औसत 360 रन तथा वि. ऑस्ट्रेलिया 6 टेस्ट 14.18 औसत 156 रन। भारतीय मैदानों पर 7 श्रृंखलाओं के 16 टेस्ट खेलकर 39.14 औसत से 1057 रन बनाए जबकि विदेशों में 5 श्रृंखलाओं के 14 टेस्ट खेलकर 39.33 औसत से 944 रन वे बना गए।

सरदेसाई- टेस्ट उच्चांक : 1000 रन 15 टेस्ट 27 पारियाँ वि. न्यूजीलैंड, दिल्ली मार्च 1965, 2000 रन 30 टेस्ट 55 पारियाँ वि. इंग्लैंड, दिल्ली दिसंबर 1972।

शतकें : 200* वि. न्यूजीलैंड, बंबई 1965, 106 वि. न्यूजीलैंड, दिल्ली 1965, 212 वि. वेस्टइंडीज, किंग्स्टन 1970-71, 112 वि. वेस्टइंडीज, पोर्ट ऑफ स्पेन 1970-71 तथा 150 वि. वेस्टइंडीज, ब्रिजटाउन 1970-71।

रणजी ट्रॉफी में : बंबई की ओर से 79 मैचों में 54.53 औसत से 3599 रन।