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Last Updated : मंगलवार, 26 अप्रैल 2022 (20:03 IST)

Coronavirus : विशेषज्ञ बोले- डर और भ्रम के चलते बूस्टर खुराक लेने से बच रहे लोग...

Coronavirus : विशेषज्ञ बोले- डर और भ्रम के चलते बूस्टर खुराक लेने से बच रहे लोग... - Statement of experts regarding booster dose of corona
नई दिल्ली। भारत में 10 अप्रैल से लेकर अब तक महज 4.64 लाख लोगों ने कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर खुराक लगवाई है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय डर, भ्रम और गलत जानकारी के चलते एहतियाती खुराक लगवाने से बच रहे हैं।

भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच ज्यादा लोग बूस्टर खुराक नहीं लगवा रहे हैं। वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और उद्योग के जानकारों का कहना है कि बूस्टर खुराक लगवाने में हिचक की मुख्य वजह प्रतिकूल प्रभाव का डर, कोविड-19 का मामूली संक्रमण होने की सोच व एहतियाती खुराक के असर को लेकर मन में संशय है।

विषाणु रोग विशेषज्ञ टी जैकब जॉन के मुताबिक, बूस्टर खुराक को लेकर हिचक इसलिए भी है, क्योंकि नए विशेषज्ञों के दावे भ्रमित करने वाले हैं। उन्होंने कहा, मुझे बूस्टर खुराक पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कई प्रश्न मिलते हैं।

इसलिए मैं जानता हूं कि सरकार की ‘शैक्षिक गतिविधि’, जो अत्यधिक कमजोर लोगों का टीकाकरण पूरा कर कोविड-19 से होने वाली मौतों, अस्पताल में भर्ती होने की दर और गंभीर लक्षणों के उभरने का जोखिम घटाना चाहती है, वह जागरूक करने से ज्यादा भ्रमित करने वाली है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सेंटर ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इन वायरोलॉजी के पूर्व निदेशक ने कहा कि लंबे समय तक लोगों को बताया गया था कि पूर्ण टीकाकरण का मतलब दो खुराक है, ऐसे में एहतियाती खुराक शब्द ने भ्रम की स्थिति पैदा की है।

कोविशील्ड का निर्माण करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने बीते हफ्ते कहा था कि उनके स्टॉक में बड़ी संख्या में बिना बिके हुए टीके मौजूद हैं।

पूनावाला के मुताबिक, हमने 31 दिसंबर 2021 को उत्पादन बंद कर दिया था। मौजूदा समय में हमारे पास 20 करोड़ से अधिक खुराक मौजूद हैं। मैंने इन्हें मुफ्त में देने की पेशकश की है, लेकिन उस प्रस्ताव पर भी ज्यादा अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

‘टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव’ में पूनावाला ने कहा, ऐसा लगता है कि लोगों में टीके को लेकर हिचक है। कीमतों के 225 रुपए प्रति खुराक तक घटने के बावजूद इनकी ज्यादा खरीद नहीं हो रही है। इकरिस फार्मा नेटवर्क के सीईओ प्रवीण सीकरी की नजर में लोग एहतियाती खुराक की जरूरत पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि कोविड-19 संक्रमण की पिछली लहर ज्यादा घातक नहीं थी।

सीकरी ने कहा कि टीकाकरण विरोधी लोग टीका लगवाने से बच्चों का लिवर खराब होने, खून के थक्के जमने और लोगों की मौत होने जैसी झूठी खबरें फैला रहे हैं, जिससे लोगों में टीकाकरण को लेकर हिचक पैदा हो रही है। सीकरी के मुताबिक, टीकाकरण के प्रति हिचक दूर करने के लिए टीकों को लेकर ज्यादा संवाद किए जाने और लोगों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि लोगों को यह बताना आवश्यक है कि जिन देशों में पर्याप्त टीकाकरण नहीं हुआ है या जिनके पास ज्यादा प्रभावी टीके नहीं हैं, वे कोविड-19 से बेहद बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।(भाषा)