विश्व में कोविड-19 से निपटने में रोबोट कर रहे मदद, भारत में भी जल्द हो सकता है ऐसा
नई दिल्ली। दुनियाभर में कहर बरपा रहे घातक कोरोना वायरस (Corona virus) से निपटने में कई देशों में रोबोट मदद कर रहे हैं। आदमी की तरह काम करने वाली इन मशीनों को अस्पतालों को विषाणुमुक्त करने, रोगियों को भोजन और दवा पहुंचाने जैसे कामों में इस्तेमाल किया जा रहा है। कोविड-19 से निपटने के लिए भारत में भी जल्द ही रोबोटों की मदद ली जा सकती है।
रोबोट के इस्तेमाल से चिकित्साकर्मियों को रोगी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती और इस तरह संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है। विश्व में कोरोना वायरस ने 7 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और 30 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली है।
रोबोटों को उपचार और पृथक रखे गए मरीजों की मदद करने के लिए भी तैनात किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए विश्वभर में लोगों को एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने की सलाह दी है।
इस महीने के शुरू में चीन के वुहान में होंगशान स्पोर्ट सेंटर में खोले गए एक फील्ड हॉस्पिटल में 14 रोबोटों की तैनाती की गई। बीजिंग स्थित रोबोट कंपनी क्लाउडमाइंड्स द्वारा उपलब्ध कराए गए रोबोट साफ-सफाई, विषाणु मुक्त करने की प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं, रोगियों को दवा दे सकते हैं और उनके शरीर का तापमान माप सकते हैं।
भारत में, जयपुर स्थित सवाई मानसिंह सरकारी अस्पताल मानव आकृति वाले रोबोट पर सिलसिलेवार परीक्षण कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इसे वहां भर्ती कोविड-19 पीड़ित व्यक्तियों को दवा और भोजन पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त केरल स्थित स्टार्टअप असिमोव रोबोटिक्स ने 3 पहिए वाला एक रोबोट विकसित किया है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इसे पृथक वार्डों में रखे गए मरीजों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
पंजाब स्थित लवली यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यकारी डीन लोवी राज गुप्ता ने कहा, मौजूदा महामारी के दौरान रोबोट महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं क्योंक वे रोगी की जांच, उसकी देखभाल और दवा उपलब्ध कराने तक सभी स्तरों पर मानव संपर्क की संभावना को कम कर सकते हैं।
भारत में कोरोना वायरस के 1071 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं और इससे 29 लोगों की जान चली गई है। दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग स्थित एक अस्पताल में भी केंद्र को विषाणुमुक्त करने के लिए एक अल्ट्रावॉयलेट रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है।