कोरोना वायरस की वजह से शंघाई में 'दुश्मन' बन रहे पड़ोसी
बीजिंग, चीन में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। इसी के साथ लॉकडाउन के तनाव ने शंघाई में निवासियों के बीच पैदा हुई दूरी को सामने ला दिया है।
इस मुसीबत की घड़ी में जहां एक तरफ सभी को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए, इसके उलट, युवा बूढ़ों के सामने, स्थानीय लोग बाहरी और सबसे बढ़कर कोरोना पॉजिटिव कोरोना निगेटिव के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं। शंघाई के 2.5 करोड़ लोगों में से ज्यादातर लोग अपार्टमेंट बिल्डिंगों में रहते हैं।
जैसे ही पता चलता है कि पड़ोस में किसी को कोरोना का संक्रमण हो गया है, वैसे ही पास में रहने वाले लोग उनके दुश्मन बन जाते हैं।
एक विवाद तब देखने को मिला जब एक महिला को केंद्रीय क्वारंटाइन सेंटर ले जाया गया था, जहां उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। महिला ने अपने पड़ोसी पर अधिकारियों से उसकी रिपोर्ट करने का आरोप लगाया। वीचैट ग्रुप में कोरोना टेस्ट के परिणामों को साझा करना और पॉजिटिव मामलों के बारे में खुल कर बताना कोई नया नहीं है। महिला ने नाम बताने से इनकार करते हुए कहा, "ग्रुप चैट में वो पूछ रहे थे कि क्या कोविड पॉजिटिव लोग अभी भी यहां हैं?"
एक अमेरिकी नागरिक के भी मिक्स्ड रिजल्ट आने के बाद उसे क्वारंटीन में भेजने की बात कही गई थी। उसने जब एक समूह के साथ कोरोना जांच कराई तो उसके साथ-साथ तीन अन्य लोगों के भी मामले पॉजिटिव आए, जिसके बाद उन्हें क्वारंटीन में भेजा गया, लेकिन जब उसने घर पर कोरोना जांच की तो वह निगेटिव आया। एक अन्य विदेशी नागरिक को भी अपार्टमेंट के लोगों ने सिर्फ इसलिए पॉजिटिव बता दिया, क्योंकि उसकी जांच रिपोर्ट उसके हेल्थ एप पर अपलोड न हो सकी।
बिल्डिंग के मैनेजमेंट ने उसके परिवार की सभी जरूरी चीजें, यहां तक भोजन डिलीवरी तक को ब्लॉक कर दिया था। हालांकि जब उन्होंने घर पर किए टेस्ट को बिल्डिंग मैनेजमेंट को दिखाया तब जाकर उनकी सारी जरूरतों की आपूर्ति फिर शुरू हो सकी।