मध्यप्रदेश में भी शराब पर 'कोरोना टैक्स' लगाने की तैयारी, नहीं खुली शराब की बड़ी दुकानें
भोपाल। लॉकडाउन के चलते मध्यप्रदेश में आबकारी से मिलने वाले राजस्व में अब तक हुए बड़े नुकसान की भरपाई करने के लिए शिवराज सरकार जल्द ही शराब पर कोरोना ट्रैक्स लगाने की तैयारी में है। सूत्र बताते हैं कि इसको लेकर वित्त और आबकारी विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है और जल्द ही इस पर मुख्यमंत्री की सहमति के बाद निर्णय ले लिया जाएगा।
कोरोना संकट के चलते सरकार को अब तक इस बार आबकारी से प्राप्त होने वाले करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ा है। राजस्व में हुए इस नुकसान की भरपाई और कोरोना संकट के समय सरकार के खजाने में पैसा लाने के लिए के लिए सरकार जल्द ही शराब पर कोरोना टैक्स लगा सकती है। इससे पहले दिल्ली और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी शराब पर कोरोना का टैक्स लगा चुकी है।
शराब, सरकार और सस्पेंस – वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में शराब की दुकानों को खोलने को लेकर बना सस्पेंस बुधवार को भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। शराब की लाइसेंस फीस माफ करने को लेकर सरकार और शराब ठेकेदारों के बीच हुई बातचीत के बाद कई जिलों में छोटे शराब कारोबारियों ने अपनी दुकानें खोल ली वहीं शराब के बड़े ठेकेदारों ने अब तक अपनी दुकान खोलने पर कोई फैसला कर करके सरकार के सामने 3 सूत्रीय फार्मूला पेश कर दिया है।
शराब ठेकेदारों की मांग है कि सरकार शराब दुकानों से उतना ही राजस्व ले जितनी की शराब बिके। इसके साथ ही जो ठेकेदार दुकान चलाने की स्थिति में नहीं है उन्हें ठेका छोड़ने की अनुमति दी जाए। लॉकडाउन में शराब दुकान खोलने पर शराब की खेप ले जाने और कर्मचारियों के आने जाने का पास बनाने की अनुमति आबकारी विभाग को दी जाए।
इसके साथ 2020-21 में जिन दुकानों की बोली 25 प्रतिशत अधिक लगाई गई थी उसे वापस लेकर 2019-20 की लाइसेंस उस पर शराब बिक्री की अनुमति दी जाए। इसके साथ इस साल शराब का ठेका दो साल के लिए दिया जाए। सरकार ने शराब ठेकेदारों की इन मांगों पर 3 से 4 दिनों में कोई निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।