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Last Modified: मंगलवार, 5 मई 2020 (22:51 IST)

शराब के शौकीनों में नहीं दिखा कोरोना का खौफ, दूसरे दिन भी उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

LiquorShopsOpen | शराब के शौकीनों में नहीं दिखा कोरोना का खौफ, दूसरे दिन भी उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
नई दिल्ली/अमरावती। दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार को शराब की दुकानों पर जबरदस्त भीड़ उमड़ी। शराब के शौकीनों को न तो कोरोना वायरस के संक्रमण का खौफ़ था और न ही मदिरा पर लगाया गया भारी 'विशेष कोरोना शुल्क' उनके हौसले पस्त कर सका।
 
लॉकडाउन में ढील दिए जाने के एक दिन बाद यानी मंगलवार सुबह से ही शराब की दुकानों के बाहर बड़ी संख्या में लोग कतारों में लगे दिखे। इस दौरान उन्हें अपनी बारी आने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।
 
आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली के शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में सोमवार जैसा ही नजारा देखने को मिला। दिल्ली सरकार ने भी शराब पर विशेष कोरोना शुल्क लगाने की घोषणा की है।
 
सोमवार को भीड़ के अनियंत्रित हो जाने के बाद शराब की कई दुकानों को बंद कर दिया गया था, क्योंकि लोग सामाजिक दूरी के नियम की परवाह नहीं कर रहे थे। बाद में रात को दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री पर 70 फीसदी 'विशेष कोरोना शुल्क' लगा दिया।
 
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने सोमवार को शराब की दुकानों के बाहर अव्यवस्था के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें दिल्ली में शराब की बिक्री का वक्त बढ़ाने की सलाह दी गई है। 
 
कृष्णा नगर और विश्वास नगर में शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। भीड़ को नियंत्रित करने और सामाजिक दूरी के नियम का पालन कराने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया।
 
 मध्य दिल्ली के गोल मार्केट जैसे कुछ इलाकों में शराब की दुकानें बंद रहीं। यहां भीड़ को काबू में ऱखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों के कर्मियों को भी तैनात किया गया।
 
गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन में दी गई ताजा रियायत के मुताबिक सुबह 9 बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक शराब की करीब 150 सरकारी दुकानें खोलने की इजाजत दी गई है।
 
बुराड़ी में रहने वाले भरत कुमार सुबह 8 बजे से शराब की दुकान के बाहर कतार में खड़े हो गए और उनके आगे कई लोग पहले से ही लगे थे। दुकान खुलने का समय नौ बजे से है।
 
उन्होंने कहा कि मैं शराब के लिए सुबह आठ बजे से कतार में लगा था। बावजूद इसके मुझे तीन बोतल शराब खरीदने में डेढ़ घंटे का वक्त लगा।' 
 
शराब पर 'कोरोना शुल्क' लगाने के सरकार के फैसले के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इससे हमें फर्क नहीं पड़ता।
 
पूर्वी दिल्ली के शकरपुर से आए राजकुमार (38) ने कहा कि मैं कृष्णा नगर में कुछ दुकानों पर गया, लेकिन वहां लगभग 400-500 लोगों की लंबी कतारें थीं। इधर, दुकान नहीं खुली हैं और पुलिसकर्मी हमें वापस भेज रही है। यह उचित नहीं है। सरकार ने इतनी कीमत बढ़ा दी है और फिर भी कोई इसे खरीदने की कोशिश करता है, तो भी यह नहीं मिलती है। बहरहाल, ऐसे भी कई लोग थे, जिन्हें दूसरे दिन भी शराब नसीब नहीं हुई। 
 
दिल्ली ही नहीं, उत्तराखंड के नैनीताल से सामने आईं वीडियो में लोग ओलावृष्टि के बीच छाता लेकर शराब की दुकानों के बाहर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। 
 
इस बीच, आंध्रप्रदेश सरकार ने मंगलवार को शराब की कीमत फिर से 50 प्रतिशत बढ़ा दी। इससे एक दिन पहले ही शराब की कीमत 25 फीसदी बढ़ाई गई थी। राज्य में सोमवार को ही शराब की दुकानें खुली हैं।
 
राज्य के विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) रजत भार्गव ने कहा कि शराब की कीमत में वृद्धि लोगों को शराब पीने से हतोत्साहित करने और लोगों की सेहत की सुरक्षा के लिए की गई है।
 
राजस्थान के जोधपुर में सुरक्षाकर्मियों को शराब की दुकानों के बाहर लगी भीड़ से सामाजिक दूरी का पालन कराने के लिए उसपर लाठीचार्ज तक करना पड़ा।
 
कुछ ऐसे ही हालात कोलकाता में भी देखे गए। शहर में बाजार से हटकर यानी एकल दुकानों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं। इस दौरान पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने सामाजिक मेलजोल से दूरी का पालन कराने के भरसक प्रयास किए।
 
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी शराब के शौकीन बेकरार नजर आए। इस दौरान दो लोगों की जान भी चली गई।
 
दरअसल, शराब की बिक्री फिर से शुरू होने की खुशी में कुछ लोगों ने पार्टी रखी। इस दौरान पार्टी में झगड़ा हो गया और एक व्यक्ति ने अपने 30 वर्षीय दोस्त को चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया। दूसरी घटना में एक युवक को नशे में धुत उसके दोस्त ने पीट-पीटकर मार डाला।
 
छत्तीसगढ़ सरकार ने भीड़ कम करने के मकसद से ग्रीन जोन में घर पर ही शराब की आपूर्ति के लिए एक वेब पोर्टल शुरू किया है। केरल, मध्यप्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने शराब की दुकानें बंद रखीं। तमिलनाडु सरकार ने 7 मई से शराब की दुकानें खोलने का ऐलान किया है। 

महाराष्ट्र ने एक दिन शराब की दुकानें खोलकर 11 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है। राज्य के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में शराब की दुकानों ने लगभग चार लाख लीटर देसी शराब बेची।
 
पंजाब में आबकारी विभाग ने घरों में शराब की आपूर्ति का प्रस्ताव रखा है, जिस पर अंतिम निर्णय गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा। (भाषा)
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