नई दिल्ली। विदेशों में फंसे उन भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए सरकार ने अभी कोई योजना नहीं बनाई है, जिनकी आर्थिक स्थिति वाकई दयनीय हो गई है और वे हवाई किराए का खर्च वहन नहीं कर सकते।
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को एक ऑनलाइन प्रेसवार्ता में बताया कि 7 से 13 मई के बीच 12 देशों में फंसे तकरीबन 14 हजार 800 लोगों को 64 विशेष उड़ानों से भारत लाया जाएगा। इन यात्रियों को हवाई यात्रा और आने के बाद 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटाइन का खर्च स्वयं वहन करना होगा।
यह पूछे जाने पर कि जो लोग ‘कोविड-19’ महामारी के कारण 3-4 महीने से विदेशों में बेरोजगार हैं और उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वे हवाई यात्रा का खर्च वहन कर सकें क्या उनके बारे में कोई योजना है, पुरी ने कहा कि विदेशों में रहने वाले उन लोगों का मामला अलग है, जिनके पास रहने की व्यवस्था नहीं है और जिनकी आर्थिक स्थिति गंभीर है। लेकिन अभी अगर हम यह घोषणा कर दें कि सभी उड़ानें नि:शुल्क हैं तो कई ऐसे लोग जो (किराया) दे सकते हैं वो भी इसका फायदा उठाएंगे।
आप जिनकी बात कर रहे हैं उनको देखा जाएगा, लेकिन इस संबंध में जवाब देना मेरे दायित्व क्षेत्र में नहीं है। मैं विदेशों में रहने वाले भारतीयों से जुड़ा मंत्री नहीं हूं। मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि हमारे हवाई परिवहन के ढांचों का हम कैसे उपयोग कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि पुरी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता वाले उस मंत्री समूह के भी सदस्य हैं, जो कोविड-19 को लेकर स्थिति की निगरानी कर रहा है और सभी महत्त्वपूर्ण फैसले ले रहा है।
पुरी ने बताया कि कम से कम एक लाख 19 हजार लोगों ने अपने खर्च पर स्वदेश वापसी की इच्छा जताई है और पहले सप्ताह में 15 हजार लोगों को लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका से आने वाले यात्रियों को तकरीबन एक लाख रुपए, ब्रिटेन से आने वालों को 50 हजार रुपए, फिलिपींस से आने वालों को 30 हजार रुपए, सऊदी अरब से आने वालों को 25 हजार रुपए, मलेशिया से आने वालों को 20 हजार रुपए, सिंगापुर से आने वालों को 18 से 20 हजार रुपए, कुवैत से आने वालों को 14 से 20 हजार रुपए, संयुक्त अरब अमीरात से आने वालों को 13 से 15 हजार रुपए और बांग्लादेश से आने वालों को 12 से 15 हजार रुपए प्रति यात्री किराया देना होगा।
इन 14,800 लोगों में 3150 केरल, 3100 दिल्ली-एनसीआर, 2150 तमिलनाडु, 1900 महाराष्ट्र, 1750 तेलंगाना, 1100 गुजरात, 650 कर्नाटक, 600 जम्मू-एवं कश्मीर और दो-दो सौ पंजाब तथा उत्तर प्रदेश के हैं।
अमेरिका से 2100, संयुक्त अरब अमीरात से 2 हजार, मलेशिया और ब्रिटेन से 1750-1750, बांग्लादेश से 1400, फिलिपींस और सिंगापुर से 1250-1250, सऊदी अरब और कुवैत से एक-एक हजार, ओमान से 450 तथा कतर और बहरीन से 400-400 भारतीयों को वतन वापस लाया जाएगा।
आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा अनिवार्य : विदेश में फंसे जिन भारतीय नागरिकों को विशेष उड़ानों के जरिए वापस लाया जाएगा, उन्हें यहां पहुंचने पर 'आरोग्य सेतु' मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा और इस पूरे अभियान के लिए विस्तृत प्रक्रियाएं जारी की जाएंगी।
गृह मंत्रालय की एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सलिला ने कहा कि भारत वापस आने वाले विशेष विमानों में सवार होने वाले लोगों को सरकार की ओर से जारी स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। (एजेंसियां)