शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. Government to support kids who lost parents to Covid-19 via PM Cares
Written By
Last Updated : रविवार, 30 मई 2021 (01:05 IST)

18 साल की उम्र तक PM केयर्स फंड से हर महीने सहायता, मुफ्त पढ़ाई और 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा

18 साल की उम्र तक PM केयर्स फंड से हर महीने सहायता, मुफ्त पढ़ाई और 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा - Government to support kids who lost parents to Covid-19 via PM Cares
नई दिल्ली। अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल की दूसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की। ऐसे बच्चों को 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर मासिक वित्तीय सहायता और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपए की राशि मिलेगी।
 
इस तरह के बच्चों का सहयोग करने के लिए उपायों पर विचार-विमर्श की खातिर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’’ योजना के तहत उनका सहयोग किया जाएगा।
 
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में कहा कि ऐसे बच्चों को 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर मासिक वित्तीय सहायता और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये की राशि मिलेगी।
 
इन योजनाओं की घोषणा करते हुए मोदी ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं और उनकी सहायता करने एवं उनका संरक्षण करने के लिए सरकार हरसंभव सहयोग करेगी, ताकि वे मजबूत नागरिक बन सकें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो।
 
बयान के मुताबिक कि प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की कठिन परिस्थिति में समाज के तौर पर हमारा कर्तव्य है कि अपने बच्चों की देखभाल करें और उज्ज्वल भविष्य के लिए उनमें उम्मीद जगाएं। ऐसे सभी बच्चे जिनके माता-पिता दोनों या वैधानिक अभिभावक/गोद लेने वाले अभिभावक की कोविड-19 के कारण मौत हो गई है, उन्हें ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहयोग दिया जाएगा।’’
 
उनकी शिक्षा के लिए किए गए उपायों के बारे में पीएमओ ने कहा कि दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों का नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में नामांकन कराया जाएगा। जो बच्चे 11 से 18 वर्ष के बीच के हैं, उन्हें सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय जैसे केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय स्कूल में नामांकित कराया जाएगा। अगर बच्चा अपने अभिभावक या परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ रहता है तो उसे नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में नामांकित कराया जाएगा।
 
पीएमओ ने कहा कि अगर बच्चे का नामांकन निजी स्कूल में किया जाता है तो शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उसका शुल्क पीएम केयर्स कोष से दिया जाएगा और उसकी स्कूल यूनिफॉर्म, किताब एवं कॉपियों के खर्च का भी भुगतान किया जाएगा।
 
उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को पेशेवर पाठ्यक्रमों या भारत में उच्च शिक्षा की खातिर शिक्षा ऋण हासिल करने में मदद की जाएगी। इस ऋण के ब्याज का पीएम केयर्स से भुगतान किया जाएगा। स्नातक एवं पेशेवर पाठ्यक्रमों के लिए विकल्प के तौर पर ट्यूशन फी या पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर राशि केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत दी जाएगी।
 
जो बच्चे वर्तमान स्कॉलरशिप योजना के तहत पात्र नहीं हैं, उन्हें पीएम केयर्स से समान छात्रवृत्ति मुहैया कराई जाएगी। इसमें बताया गया कि ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तौर पर लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें उन्हें पांच लाख रुपये स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। 18 वर्ष की उम्र तक इन बच्चों के लिए प्रीमियम की राशि पीएम केयर्स से दी जाएगी।
 
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की एक अप्रैल से 25 मई के बीच की रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस हफ्ते बताया था कि देश भर में करीब 577 बच्चे कोविड-19 के कारण अनाथ हुए हैं।
 
ईरानी ने आज घोषित कदमों के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद व्यक्त किया और कहा, ‘‘इससे सुनिश्चित होगा कि बच्चे किसी अवसर से वंचित न हों तथा इससे उनके सुरक्षित भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री का धन्यवाद व्यक्त किया। प्रेस एसोसिएशन ने भी सरकार के कदमों की सराहना की।
 
इसके कोषाध्यक्ष संतोष ठाकुर ने कहा कि प्रेस एसोसिएशन ने सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि वह महामारी से जान गंवाने वाले मीडियाकर्मियों के बच्चों की शिक्षा में मदद करे। उन्हें केंद्रीय, नवोदय और सैनिक स्कूल में दाखिला दे। पत्रकारों के बच्चों को इस तरह की योजनाओं से लाभ मिलेगा। (भाषा)