कोरोना काल में 16.56 % घटी बंदरगाहों की माल ढुलाई, चेन्नई और कोचिन पोर्ट पर सबसे ज्यादा नुकसान
नई दिल्ली। देश के प्रमुख बंदरगाहों की माल ढुलाई (माल चढ़ाना उतारना) चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अगस्त की अवधि के दौरान 16.56 प्रतिशत घटकर 24.50 करोड़ टन रह गई।
केंद्र के नियंत्रण वाले इन 12 प्रमुख बंदरगाहों में से मोर्मुगाव को छोड़कर अन्य सभी की माल ढुलाई में अगस्त में लगातार पांचवें महीने गिरावट आई है।
भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए) के ताजा आंकड़ों के अनुसार इन 12 बंदरगाहों की माल ढुलाई पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 29.36 करोड़ टन रही थी। अप्रैल-अगस्त के दौरान चेन्नई, कोचीन और कामराजार बंदरगाहों की ढुलाई में 30 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं जेएनपीटी और कोलकाता बंदरगाहों की ढुलाई 20 प्रतिशत से अधिक घटी।
देश में केंद्र के नियंत्रण वाले 12 प्रमुख बंदरगाहों में दीनदयाल (पूर्ववर्ती कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मोर्मुगाव, न्यू मंगलूर, कामराजार (पूर्व में एन्नोर) कोचीन, चेन्नई, वी ओ चिदंबरनार, विशाखापत्त्नम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित) शामिल हैं।
अप्रैल से अगस्त के दौरान कामराजार बंदगाह की ढुलाई 31.64 प्रतिशत घटकर 91.1 लाख टन रह गई । चेन्नई बंदरगाह की ढुलाई 30.36 प्रतिशत घटकर 1.44 करोड़ टन रही। वहीं कोचीन बंदरगाह की ढुलाई में 29.88 प्रतिशत की गिरावट आई और यह एक करोड़ टन से कुछ अधिक रही।
इस अवधि में जेएनपीटी बंदरगाह की ढुलाई 25.53 प्रतिशत घटकर 2.16 करोड़ टन, कोलकाता की 23.74 प्रतिशत घटकर 2.06 करोड़ टन रही। मुंबई बंदरगाह की ढुलाई 19.31 प्रतिशत घटकर 2.01 करोड़ टन पर आ गई। (भाषा)