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Last Updated : गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021 (16:42 IST)

ये है दुनिया की सबसे ‘आधुनिक’ और ‘कोरोना प्रूफ बि‍ल्‍डिंग’, 37 अरब में बनेगी, ऐसे होगी फंक्‍शन कि वायरस भी सेंध नहीं मार सकेगा

ये है दुनिया की सबसे ‘आधुनिक’ और ‘कोरोना प्रूफ बि‍ल्‍डिंग’, 37 अरब में बनेगी, ऐसे होगी फंक्‍शन कि वायरस भी सेंध नहीं मार सकेगा - First Pandemic Proof Building, United States, Pandemic
जहां एयर प्‍यूरिफायर हवा को साफ करेगा, जहां सफाई रोबोट करेंगे और जहां लिफ्ट या किसी भी उपयोग की चीज को छूने की जरुरत नहीं, यानी जहां कोरोना तो क्‍या, कोई दूसरा वायरस भी पर नहीं मार सके। अगर आपको ऐसे इमारत में रहने के लिए घर में मिल तो क्‍या आप इसे खरीदना चाहेंगे। जी हां, अमेरिका के फ्लोरिडा में एक ऐसी ही आधुनिक इमारत तैयार की जा रही है, जहां कोराना एंट्री नहीं कर सकेगा। लेकिन इसकी कीमत जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों ने तमाम तरह के प्रयास किए, लेकिन अब कोराना वायरस की एंट्री रोकने के लिए ‘कोराना फ्री इमारत’ भी बन रही है।

दरअसल, अमेरिका में दुनिया की पहली महामारी प्रूफ बिल्डिंग बनकर तैयार हो रही है। अमेरिका ने ऐसी इमारत का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है, जो कोरोना जैसी खतरनाक महामारियों को आपके घर में घुसने नहीं देगी। इस इमारत में वायरस और बैक्टीरिया की एंट्री ही नहीं होगी।

फ्लोरिडा में इस बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है, जहां एंट्री करने के बाद इंसान महामारियों से महफूज रह सकेगा। यहां बैक्टीरिया और वायरस का प्रवेश लगभग नामुमकिन होगा।

बिल्डिंग डेवलेपर्स ने दुनिया की पहली ऐसी इमारत बनानी शुरू कर दी है, जहां कोरोना ही क्या, किसी भी महामारी के पहुंचने का कोई रास्ता नहीं होगा। ये बिल्डिंग 55 मंजिल की होगी। इसे बनाने के लिए 500 मिलियन अमेरिकन डॉलर यानि भारतीय मुद्रा में 37,72,27,75,000 रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस बिल्डिंग में घर और होटेल बनाए जाएंगे। यहां रोज़मर्रा की ज़रूरत की सारी चीज़ें मौजूद होंगी, ताकि लोगों को मुश्किल वक्त में कहीं बाहर न जाना पड़े। ऐसे में न तो उनको बेवजह बाहर निकलना पड़ेगा, न ही उनका बर्बाद होगा।

फ्लोरिडा में बनाए जा रहे इस लिगेसी टॉवर में रहने वालों को अस्पताल के लिए भी बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यहां साफ-सफाई का काम ऐसे रोबोटों के सुपुर्द होगा, जो बैक्टीरिया को पैदा होने से पहले ही खत्म कर देंगे।

इसके अलावा टचलेस तकनीक और आधुनिक वायु शोधन प्रणाली के ज़रिये लोगों वायरस का खतरा लगभग खत्म कर दिया जाएगा। एलीवेटर में घुसने के लिए भी टचलेस तकनीक होगी, जबकि एयर प्योरिफायर हवा को लगातार शुद्ध करता रहेगा। माना जा रहा है कि ये बिल्डिंग साल 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगी।
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