दिल्ली के निजामुद्दीन में 200 लोगों में Corona के संकेत, धार्मिक कार्यक्रम में हुए थे शामिल
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने कुछ दिन पहले आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के कारण सोमवार को निजामुद्दीन पश्चिम में एक प्रमुख इलाके की घेराबंदी कर दी। 200 से अधिक को पृथक रखा गया।
अधिकारियों ने बताया कि इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने 1 से 15 मार्च तक तबलीग-ए-जमात में भाग लिया था। हालांकि स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जमात की अगुवाई करने वाले मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
बड़ी संख्या में लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ के अधिकारी और मेडिकल दल रविवार रात इलाके में पहुंचे। कोविड-19 के लक्षण के साथ 200 से अधिक लोगों को दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया।
एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ जे सी पासे ने कहा, ‘रविवार को निजामुद्दीन से करीब 85 लोगों को एलएनजेपी अस्पताल लाया गया और आज 68 लोगों को लाया गया। इस तरह पृथक वार्डों में कुल 153 लोगों को भर्ती कराया गया है और जांच की जा रही है।‘
हालांकि संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) देवेश श्रीवास्तव ने कहा कि तबलीग-ए-जमात में करीब 300 से 400 लोगों ने भाग लिया था। हमने मरकज की इमारत को बाकी इलाके से अलग कर दिया जहां तबलीग-ए-जमात हुई थी। हम स्वास्थ्य विभाग को लोगों को जांच के लिए निकालने में मदद कर रहे हैं।
एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि संस्थान को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में नोटिस जारी किया गया है। ‘जब हमें पता चला कि इस तरह का आयोजन किया गया था, तो हमने उन्हें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लागू बंद के तहत निषेधाज्ञा और लगायी गई पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया।‘
उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों के विरोध प्रदर्शनों के लिए एकत्र होने पर भी रोक लगा दी थी।
चित्र सौजन्य : ट्विटर/ ANI