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Last Updated : सोमवार, 20 अप्रैल 2020 (13:33 IST)

Corona warriors : यूएस के भारतीय डॉक्टरों की कहानियां, जिन्होंने मरीजों को बचाने में गंवाई जान

Corona warriors : यूएस के भारतीय डॉक्टरों की कहानियां, जिन्होंने मरीजों को बचाने में गंवाई जान - COVID-19: Indian-American doctors emerge real life heroes, now make ultimate sacrifice
वॉशिंगटन। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का उपचार करने के दौरान स्वयं संक्रमण की चपेट में आई डॉ. माधवी अया अपने जीवन के अंतिम समय में अपने पति और अपनी बेटी से आखिरी बार मिलने की अधूरी तमन्ना के साथ ही इस दुनिया को अलविदा कह गईं।
 
डॉ. माधवी (61) 1994 में अपने पति के साथ अमेरिका आई थीं। मार्च में एक कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति का इलाज करने के दौरान वे कोविड-19 से संक्रमित हो गई थीं। उनका न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में पिछले सप्ताह निधन हो गया। वे अपने जीवन के अंतिम समय में केवल मोबाइल के जरिए ही अपने परिवार से संपर्क कर सकती थीं।
 
अमेरिका में डॉ. माधवी जैसे न जाने कितने भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक हैं, जो कोरोना वायरस के मरीजों का उपचार करते हुए स्वयं संक्रमित हो गए और इनमें से कई चिकित्सकों की जान चली गई है तथा कई गंभीर रूप से बीमार हैं।
 
स्थानीय समाचार पत्र ‘सन-सेंटिनल’ ने कहा कि अया के मोबाइल के जरिए भेजे गए संदेश और उनके अंतिम दिनों के बारे में उनके परिवार के बयान दर्शाते हैं कि वे ऐसी महिला थीं जिन्होंने अपना जीवन चिकित्सा के लिए समर्पित कर दिया और कोविड-19 के मरीज के रूप में उनका निधन हुआ।
 
भारतीय अमेरिका समुदाय के नेताओं ने कहा कि सदी के इस बड़े संकट के दौरान बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक संक्रमित हुए हैं और इनमें से कई चिकित्सकों की इस वायरस के कारण मौत हो गई है। संक्रमित हुए अधिकतर भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी से बताए जा रहे हैं।
 
डॉ. रजत गुप्ता (बदला हुआ नाम) इस महीने की शुरुआत में न्यू जर्सी के एक अस्पताल के आपात कक्ष में कोरोना वायरस से एक मरीज की जांच कर रहे थे। तभी मरीज को उल्टी आ गई और उसने डॉ. गुप्ता के चेहरे पर उल्टी कर दी। इसके बाद डॉ. गुप्ता बीमार पड़ गए और कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। पुरजोर कोशिशों के बावजूद चिकित्सक उनकी जान नहीं बचा सके।
 
भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सकों के संघ (एएपीआई) के सचिव रवि कोहली ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि संक्रमित चिकित्सकों की सटीक संख्या जानना मुश्किल है। कम से कम 10 चिकित्सक गंभीर रूप से बीमार हैं।
 
किडनी संबंधी रोगों की भारतीय अमेरिकी विशेषज्ञ प्रिया खन्ना (43) का इस सप्ताह की शुरुआत में न्यूजर्सी के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके पिता सत्येंद्र खन्ना (78) भी सर्जन हैं और वे भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि उनकी हालत गंभीर है और वे आईसीयू में हैं।
 
एएपीआई के उपाध्यक्ष डॉ. अनुपमा गोतीमुकुला ने कहा कि भारतीय अमेरिकी चिकित्सक असल नायक है। उपचार करने के दौरान कई चिकित्सक संक्रमित हो गए, कुछ की मौत हो गई, कुछ आईसीयू में हैं और कुछ घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
 
समुदाय के लोग एएपीआई अध्यक्ष डॉ. अजय लोढा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, जो संक्रमित पाए गए हैं और न्यूयॉर्क के अस्पताल में आईसीयू में हैं।
 
बताया जा रहा है एएपीआई के पूर्व अध्यक्ष डॉ. गौतम समदर की पत्नी डॉ. अंजना समदर भी जीवन के लिए संघर्ष कर रही हैं और एक अन्य जाने माने भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक डॉ. सुनील मेहरा की हालत भी गंभीर है।
 
इस वायरस से अमेरिका में 40,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और 7,63,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं 
भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कोरोना वायरस से निपटने में मदद कर रहे चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया है। (भाषा) (Symbolic images)
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