कोरोनावायरस इफेक्ट : मात्र 1 दिन का होगा बिहार विधायिका का आखिरी सत्र
पटना। बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य सोमवार को एक दिन के संक्षिप्त मॉनसून सत्र में हिस्सा लेंगे। नवंबर में विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले संभवत: यह सदनों की आखिरी बैठक होगी।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के साये में हो रहा यह सत्र पहला अवसर होगा जब विधायिका का कामकाज विधानसभा परिसर से दूर होगा।
पिछले हफ्ते जारी एक अधिसूचना में, राज्यपाल फागू चौहान ने सत्र को आधुनिक, साफ-सुथरे ‘ज्ञान भवन’ परिसर में आयोजित करने की अनुमति दी थी। यह परिसर ऐतिहासिक गांधी मैदान से महज कुछ ही दूरी पर स्थित है।
जगह का यह बदलाव, शारीरिक दूरी संबंधी नियमों का पालन करने के कारण जरूरी हो गया था। 243 सदस्यीय विधानसभा की बैठक ज्ञान भवन की दूसरी मंजिल पर स्थित विशाल सभागार में होगी जहां 800 लोगों के बैठने की क्षमता है।
75 सदस्यीय विधान परिषद की बैठक एक छोटे सभागार में होगी जहां 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। विधान परिषद की 20 सीटें रिक्त हैं।
राज्यपाल की अधिसूचना में विधानसभा सत्र के लिए चार दिन के कार्यक्रम का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन इसे संक्षिप्त करने का फैसला विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी द्वारा शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लिया गया।
सत्र को छोटा करने का निर्णय राज्य भर में खासकर राजधानी पटना में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लिया गया।
इससे पहले मार्च में जब बजट सत्र के लिए सदनों की बैठक हो रही थी, उस वक्त भी वैश्विक महामारी के प्रकोप की शुरुआत के कारण निर्धारित समय से करीब दो सप्ताह पहले उन्हें स्थगित करना पड़ा था।
विधानसभा सचिवालय की ओर से प्राप्त एक पत्र के मुताबिक, ज्ञान भवन में फेस मास्क, सैनेटाइजर और एंटीजन जांच किट उपलब्ध कराये जाएंगे। ज्ञान भवन पर ट्रैफिक ज्यादा रहने के मद्देनजर, जिला प्रशासन ने आसपास के इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। (भाषा)