ये है सबसे ‘सुरक्षित’ आइलैंड, ‘कोरोना’ भी नहीं मार सका ‘पर’, सिर्फ 4500 लोग रहते हैं
पिछले दो साल में कोरोना ने पूरी दुनिया को परेशान किया, कोई देश या शहर ऐसा नहीं था, जहां कोरोना ने कहर नहीं बरपाया, लेकिन कुछ जगह ऐसी भी है जहां कोरोना पर भी नहीं मार सकता।
इस लिहाज से यह दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह मानी जा सकती है। यह जगह ब्रिटेन में संत हेलेना आइलैंड है, जहां सिर्फ 4500 लोग ही निवास करते हैं।
संत हेलेना द्वीप पर शुरुआत से लेकर अभी तक कोरोना का एक भी मामला देखने को नहीं मिला। ये द्वीप मात्र 120 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है। साउथ अटलांटिक ओशन के बीच में स्थित इस द्वीप में मात्र 4500 लोग रहते हैं। इस आइलैंड को सबसे ज्यादा नेपोलियन की वजह से जाना जाता है। news.com.au की रिपोर्ट के मुताबिक़, इसी द्वीप पर 1821 में उसकी मौत हो गई थी।
कोरोना के एक भी मामले सामने ना आने की वजह से यहां लोगों को मास्क की कोई जरुरत नहीं पड़ती। ना ही यहां लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। अगर सेफ्टी की बात करें तो सिर्फ यहां लोग समय-समय पर हाथ धोते रहते हैं और खांसते हुए मुंह को कोहनी से ढंक लेते हैं। इसके अलावा यहां सेफ्टी के दूसरे तरीके नहीं अपनाए जाते। कोरोना के मामले जीरो होने की वजह से यहां टूरिस्ट्स की भीड़ लगी रहती है। ऐसा लगता है जैसे कहीं कोई महामारी फैली ही नहीं है।
संत हेलेना आइलैंड में आए हर टूरिस्ट को 14 दिन के लिए ब्राडलेस कैंप में क्वारेंटाइन होना पड़ता है। इस कैंप को एयरपोर्ट वर्कर्स के लिए बनाया गया था। लेकिन जब से कोरोना शुरू हुआ, तबसे से इसे क्वारेंटाइन सेंटर बना दिया गया।
जहां यूके को कोरोना ने बुरी तरह झकझोर कर रख दिया, वहां इस आइलैंड ने समझदारी से महामारी को कंट्रोल कर लिया। जो भी पर्यटक यहां आते हैं, वो आने से 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट और जाने से पहले भी नेगेटिव रिपोर्ट सब्मिट करते हैं। लोग इस आइलैंड द्वारा कोरोना कंट्रोल करने की काफी तारीफ कर रहे हैं।