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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : बुधवार, 6 जनवरी 2021 (10:09 IST)

भोपाल गैस पीड़ितों ने कोवैक्सीन के ट्रॉयल को लेकर लगाए गंभीर आरोप

भोपाल गैस पीड़ितों ने कोवैक्सीन के ट्रॉयल को लेकर लगाए गंभीर आरोप - Bhopal Gas Victims Serious Charges Taking Trial of Covaxine
भोपाल। भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे फेज का ट्रायल भोपाल गैस पीड़ितों पर करने का सनसनीखेज आरोप लगा है। राजधानी के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में चल रहे ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे फेज के ट्रायल के एक हजार व्यक्तियों के आंकड़े को पूरा करने के लिए पहले से अन्य बीमारियों से जूझ रहे गैस पीड़ितों को वैक्सीन का टीका लगाकर ट्रायल करने का आरोप सोशल एक्टिविस्ट और स्थानीय लोगों ने लगाया है। 
 
भोपाल गैस पीड़ितों से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता रचना ढींगरा का आरोप हैं कि पीपुल्स अस्पताल में कोवैक्सीन के जो तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है उसमें कई गड़बड़ी पाई गई है। पीपुल्स अस्पताल की ओर से गैस पीड़ितों की बस्ती में जाकर एनाउंस किया गया है कि अस्पताल में कोरोना का टीका लग रहा है और बाद में इसके लिए पैसा लगाएगा। अस्पताल की ओर से जिन गैस पीड़ितों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया गया उनसे ट्रायल की जानकारी को छुपाया गया। अस्पताल ने ड्रग ट्रायल के नियमों का पालन नहीं करते हुए वॉलिटयर्स को सहमति पत्र भी नहीं दिया गया। 
 
रचना ढींगरा कहती हैं कि ‘कोवैक्सीन’ के ट्रायल में शामिल लोगों को जब तकलीफ हुई तो अस्पताल प्रबंधन ने उनका इलाज करने से मना कर दिया गया और इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे लोगों को भगा दिया गया। इसी तरह पीपुल्स मेडिकल कॉलेज ने ड्रग ट्रायल के नियमों का उल्लंघन कर वैक्सीन के असर को रिकॉर्ड नहीं कर रहा है जिसका प्रभाव सीधे वैक्सीन की क्षमता पर पड़ेगा। वह कहती हैं कि चूंकि कोवैक्सीन को सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है ऐसे में वैक्सीन के ट्रायल के नतीजों का अध्ययन नहीं करने से आगे चलकर इसके बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित हो सकते है।
 
वहीं राजधानी के गैस पीड़ित बस्ती शंकरनगर की रहने वाली मंजूबाई का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से बस्ती में एक गाड़ी के जरिए कोरोना वैक्सीन लगाए जाने का एनाउंसमेट किया गया। जिसके बाद बड़ी संख्या में बस्ती में रहने वाले लोग अस्पताल और उनको कोरोना का टीका लगा दिया गया। मंजूबाई का आरोप है कि वह बीते सोमवार को जब फिर अस्पताल में वैक्सीन का दूसरा टीका लगवाने पहुंची तो उनको ब्लडप्रेशर बढ़ने का हवाला देकर टीका नहीं लगाया गया। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने उनको वैक्सीन के पहले टीके के बाद जो पेपर दिया था उसको भी ले लिया।
वहीं शंकरनगर बस्ती के रहने वाले छोटू दास बैरागी ने आरोप लगाया है कि वह कोरोना पॉजिटिव थे, इसके बाद भी उनको कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया गया। अपने आरोप में छोटू दास का कहना हैं कि इस महीने की तीन तारीख को जब वह फिर अस्पताल टीका लगवाने के लिए पहुंचे तो उनको टीका नहीं लगाया गया। अस्पताल प्रबंधन ने टीका नहीं लगाने के पीछे कारण उनके कोरोना पॉजिटिव होने का हवाला दिया गया।   
 
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को सरकार ने कोविशील्ड के साथ टीकाकरण के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। ऐसे में राजधानी भोपाल में वैकसीन के ड्रग ट्रायल में हो रहे इस गड़बड़ी के बाद अब गैस पीड़ित संगठन ड्रग कंट्रोलर जनरल  ऑफ इंडिया और आईसीएमआर को पत्र लिखकर वैक्सीन का ट्रायल रोकने की मांग करने जा रहे है।