शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. Bhilwara lockdown inside story
Written By नृपेंद्र गुप्ता
Last Updated : रविवार, 29 मार्च 2020 (15:26 IST)

भीलवाड़ा LockDown पर इनसाइड स्टोरी : घरों में कैद, चेहरे पर दहशत और दिलों में उम्मीद

भीलवाड़ा LockDown पर इनसाइड स्टोरी : घरों में कैद, चेहरे पर दहशत और दिलों में उम्मीद - Bhilwara lockdown inside story
भीलवाड़ा। राजस्थान में Corona का सबसे ज्यादा कहर भीलवाड़ा में देखा जा रहा है। यहां अब तक 25 कोरोना पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। रविवार को महिला समेत 4 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से पूरे जिले में दहशत का माहौल बन गया है। लोग घरों में कैद, चेहरे पर दहशत हालांकि लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए प्रशासन ने यहां बेहतरीन इंतजाम किए हैं।
 
भीलवाड़ा में कैसे फैला Corona : राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में लगातार कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंचा था। उसने डॉक्टर संक्रमित कर दिया और फिर देखते ही देखते कई अन्य डॉक्टर और नर्से भी इसकी चपेट में आ गए।

कोरोना पॉजिटिव मरीजों में बांगड़ हॉस्‍पिटल के 3 डॉक्‍टर, नर्सिंगकर्मी, टाइपिस्‍ट भी शामिल हैं। इनके अलावा 2 मरीजों के साथ-साथ उनके 4 परिजन चपेट में है।  
 
क्या कहते हैं लोग : भीलवाड़ा निवासी नीरज पोरवाल ने बताया कि मोदीजी ने सबके भले के लिए ही लॉकडाउन किया है। देश में भले ही यह 15 अप्रैल तक हो लेकिन भीलवाड़ा 2-3 माह तक बंद रहेगा।

कलेक्टर राजेंद्र कुमार भट्‍ट ने गली गली किराना सामान पहुंचाने के लिए अच्‍छी व्यवस्था की है। दूध के लिए सुबह 3 घंटे छूट मिलती है। आवश्यक सेवाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
 
शहर की आरके कालोनी निवासी विकास सोमानी ने कहा कि गलियां सूनी हैं और दुकानें बंद, सभी घरों में कैद हैं। बांगड़ समेत शहर के 2 बड़े अस्पताल बंद हैं। अखबार भी नहीं आ रहे हैं। मोबाइल एप की मदद से खुद को अपडेट कर रहे हैं। सब्जमंडी में 1 कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद घर वालों ने सब्जी, फल आदि लाने को मना कर दिया। 
 
वहीं भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा निवासी संदीप पोरवाल ने बताया कि यहां शनिवार को ही एक कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया है। 2-3 दिन में एक बार किराने की दुकानें खुलती है। मेडिकल खुले हुए हैं। 
 
खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं है। टाइम पास करना भारी पड़ रहा है लेकिन कोरोना के कहर को देखते हुए लॉकडाउन का यह निर्णय सही है। संदीप का मानना है कि कस्बे में 1-2 माह तक यह स्थिति रह सकती है।
 
कुल मिलाकर कोरोना की दहशत के बीच घरों में कैद लोग हर हाल में इस खतरनाक वायरस के प्रकोप से बचना चाहते हैं। लगातार बढ़ते आंकड़ों ने उन्हें अंदर तक हिला दिया है। हालांकि सभी को भरोसा है कि दुख के बादल जल्द ही छंट जाएंगे और फिर नया सवेरा होगा जिसमें सब कुछ पहले की तरह सामान्य होगा। 
ये भी पढ़ें
LockDown के बीच अच्छी खबर, 2 महीने मुफ्त रहेंगे ये 4 चैनल