Chhath puja 2022: छठ का व्रत रखना बहुत कठिन होता है। चतुर्थी से ही व्रत का प्रारंभ हो जाता हैं। चतुर्थी और पंचमी को विशेष प्रकार का भोजन ही करते हैं इसके बाद पंचमी से ही 36 घंटे का व्रत प्रारंभ हो जाता है। छठ पूजा और व्रत के दौरान नियमों का पालन करें और किसी भी भी प्रकार की गलती नहीं करें। व्रत के दौरान हमारे बताए गए 10 कार्य नहीं करना चाहिए।
1. व्रत के दौरान तामसिक भोजन नहीं खाना चाहिए। जैसे बैंगन, कटहल, लहसुन-प्याज का भोजन, मांस, मटन, मछली, चिकन आदि।
2. इस दौरान धूम्रपान या अन्य किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए।
3. सूर्य को अर्घ्य देने से पहले जल या भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
4. सूर्य को अर्घ्य देने का पात्र चांदी, स्टील, लोहा, कांच, प्लास्टिक, कांसा, जर्मन या एल्युमिनियम का नहीं, तांबा या पीतल का होना चाहिए।
5. किसी मन्नत के लिए छठी मैया की पूजा कर रहे हैं तो मन्नत पूर्ण होने पर जो वाद किया है उसे पूर्ण करना चाहिए।
6. शुद्ध और पवित्र होकर ही छठ का प्रसाद और भोजन बनाना चाहिए। गंदे या जूठे हाथ से नहीं। प्रसाद को ऐसे स्थान पर रखें जहां से उसे कोई छूए नहीं।
7. इस दौरान महिला और पुरुषों को साथ में नहीं सोना चाहिए और पलंग पर भी नहीं सोना चाहिए।
8. व्रत के दौरान वाणी पर संयम रखना चाहिए और मुंह से किसी भी प्रकार का अपशब्द नहीं निकालना चाहिए।
9. छठ पूजा की सामग्री में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखना चाहिए।
10. छठ पूजा का व्रत 36 घंटे तक के लिए रखा जाता है। सप्तमी के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर ही इस व्रत का पारण होता है। इसीलिए इसके लिए पहले से ही तैयार रहें। यदि नहीं बनता है व्रत रखना तो न करें। व्रर रख ही रहे हैं तो गर्मी से दूर रहें, शांत रहें, कम बोलें, आराम करें, बस पूजा के दौरान ही सक्रिय हों। प्यास लगने या गला सूखने पर बर्फ से चेहरे और गले की सिंकाई कर सकते हैं।