बिहार में जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट
वर्ष 2001 की जनगणना की तुलना में पिछले एक दशक के दौरान बिहार की जनसंख्या वृद्धि दर में जहाँ 3.35 प्रतिशत की गिरावट हुई है। वहीं यह प्रदेश जनसंख्या के मामले में अब भी देश में अब भी तीसरे स्थान पर है।बिहार के जनगणना निदेशक कुमार सेंथिल ने सोमवार को यहाँ बताया कि भारत जनगणना 2011 के औपबंधिक आँकड़े जारी करते हुए बताया कि वर्ष 2001 की जनगणना की तुलना में पिछले एक दशक के दौरान प्रदेश की जनसंख्या वृद्धि दर में 3.35 प्रतिशत की गिरावट हुई है। वहीं यह प्रदेश जनसंख्या के मामले में अब भी देश में तीसरे स्थान पर है।उन्होंने बताया कि तक बिहार की कुल जनसंख्या 2001 की जनगणना की तुलना में कुल 2 करोड 8 लाख 6 हजार 128 व्यक्तियों की बढ़ोतरी के साथ 2011 में 10 करोड़ 38 लाख 4 हजार 637 पहुँच गई है।सेंथिल ने बताया कि 1991-2001 के दशक में बिहार में जहाँ जनसंख्या में वृद्धि 28.62 प्रतिशत थी। वहीं 2001 से 2011 के दशक में इसमे 3.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ वर्तमान से यह 25.07 प्रतिशत हो गई है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।उन्होंने बताया कि प्रदेश में सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि 30.65 प्रतिशत मधेपुरा जिला की है, जबकि सबसे कम जनसंख्या वृद्धि गोपालगंज जिला में 18.83 प्रतिशत रही।सेंथिल ने बताया कि बिहार में सबसे अधिक 5772804 जनसंख्या वाला जिला पटना है। वहीं शेखपुरा न्यूनतम 634927 आबादी वाला जिला है।उन्होंने बताया कि जनगणना 2011 के अनुसार बिहार में जनसंख्या घनत्व 1102 प्रति वर्ग किलोमीटर है, जबकि 2001 में यह 881 प्रति वर्ग किलोमीटर थी।सेंथिल ने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 1882 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर की दर से शिवहर बिहार का सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला है, जबकि 488 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर की दर से कैमूर न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाला जिला है। उन्होंने बताया कि लिंग अनुपात में बिहार में वर्तमान में प्रति एक हजार पुरुष आबादी पर महिला की जनसंख्या 916 है, जबकि वर्ष 2001 की जनगणना में भी यह 916 थी। सेंथिल ने बताया कि बिहार में शिक्षा का प्रतिशत काफी उत्साहवर्धक है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2001 में प्रदेश में शिक्षा का प्रतिशत मात्र 47 प्रतिशत था वह वर्ष 2011 की जनगणना में बढकर 63.82 हो गया है। (भाषा)