जनसंख्या के महत्वपूर्ण आँकड़े
भारत की जनसंख्या की गणना हर दस साल बाद होती है। इसमें 1911-21 की अवधि को छोड़कर प्रत्येक दशक में आबादी में वृद्घि दर्ज की गई 1 करोड़ 84 लाख आबादी 20वीं सदी की शुरुआत में भारत में रहती थी, जो 21वीं शताब्दी में एक अरब 2 करोड़ 80 लाख तक पहुँच गई।सदी की शुरुआत में भारत का लिंग अनुपात 972 था। इसके बाद 1941 तक इसमें निरंतर गिरावट देखी गई। देश में लिंग अनुपात हमेशा से महिलाओं के अनुकूल नहीं रहा।लाख वर्ग किमी भू-भाग भारत के पास है, जो विश्व के कुल भू-भाग का मात्र 2.4 प्रतिशत है। फिर भी दुनिया की 16.7 प्रतिशत आबादी का भार उसे वहन करना पड़ रहा है।*विश्व में कुल आबादी 6,928,198,25।*लिंगानुपात 986।*महिला जनसंख्या 3,439,888,902।*पुरुष जनसंख्या 3,488,309,351।*1901 के बाद भारत की जनसंख्या की गणना हर दस साल बाद होती है। इसमें 1911-21 की अवधि को छोड़कर प्रत्येक दशक में आबादी में वृद्घि दर्ज की गई।*23 करोड़ 84 लाख आबादी 20वीं सदी की शुरुआत में भारत में रहती थी, जो 21वीं शताब्दी में एक अरब 2 करोड़ 80 लाख तक पहुँच गई।*20वीं सदी की शुरुआत में भारत का लिंग अनुपात 972 था। इसके बाद 1941 तक इसमें निरंतर गिरावट देखी गई। देश में लिंग अनुपात हमेशा से महिलाओं के अनुकूल नहीं रहा।*1357.90 लाख वर्ग किमी भू-भाग भारत के पास है, जो विश्व के कुल भू-भाग का मात्र 2.4 प्रतिशत है। फिर भी दुनिया की 16.7 प्रतिशत आबादी का भार उसे वहन करना पड़ रहा है। *भारत की आबादी 121 करोड़। 18.10 करोड़ बढ़े। 62.37 करोड़ पुरुष। 58.65 करोड़ महिलाएँ। 17.64 प्रतिशत वृद्धि दर। 74.04 प्रतिशत साक्षर। जनसंख्या वृद्धि दर में सबसे ज्यादा गिरावट। साक्षरता दर और लिंगानुपात में सुधार, लेकिन बेटों के प्रति रुझान कम नहीं। प्रति 1000 पुरुषों पर 940 महिलाएँ। जनसंख्या वृद्धि दर में सबसे ज्यादा गिरावट।