समूचे देश में जहाँ 2011 की जनगणना में जनसंख्या दर में वृद्धि दर्ज की गई है वहीं पूर्वोत्तर के राज्य नगालैंड में जनसंख्या से जुड़े आँकड़ों से पता चलता है कि यहाँ की आबादी में कमी आई है।
गौरतलब है कि वर्ष 2001 में नगालैंड की कुल आबादी जहाँ 19 लाख 88 हजार 636 थी वहीं वर्ष 2011 की जनगणना में राज्य की कुल आबादी 19 लाख 80 हजार 602 दर्ज की गई है।
हालाँकि पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की एक दशक की जनसंख्या की दर, राष्ट्रीय जनसंख्या की वृद्धि दर 17.64 फीसदी के आस-पास ही रही है लेकिन नगालैंड में यह आँकड़ा शून्य से 0.40 फीसदी कम दर्ज किया गया है।
नगालैंड के संदर्भ में यह आँकड़े इसलिए भी चौंकाने वाले हैं क्योंकि वर्ष 2001 और वर्ष 1991 की जनगणना में सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि दर नगालैंड में ही दर्ज की गई थी जो कि क्रमश: 64.41 फीसदी और 56.08 फीसदी थी।
हालाँकि राज्य सरकार ने वर्ष 2001 की जनगणना से जुड़े आँकड़े को खारिज कर दिया था और इसे अतिशयोक्ति करार दिया था। ऐसे में पिछले एक वर्ष से राज्य सरकार द्वारा यहाँ की जनता से खासकर गाँव प्रशासन से वर्ष 2011 की जनगणना में आबादी से जुड़े सही आँकड़े मुहैया कराने की अपील की गई थी।
राज्य जनगणना निदेशक हेकाली झिमोमी ने कहा कि जनसंख्या से जुड़े सही आँकड़े को लेकर इस बार राज्य में सामुदायिक नेताओं के साथ मिलकर वर्ष भर कवायद की गई।
इस बाबत राज्य के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने जनसंख्या के सही आँकड़े देने के लिए बार बार लोगों से अपील की और यह समझाने की कोशिश की कि जनगणना में सही आँकड़े देने से राज्य में जमीनी स्तर पर चल रही विकास योजनाओं को कैसे मदद मिल सकती है। (भाषा)