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Written By Author पं. अशोक पँवार 'मयंक'

जसवंत सिंह : पत्रिका दमदार नहीं

बाधा देगा कालसर्प योग

जसवंत सिंह
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भाजपा सरकार में विदेशमंत्री रहे जसवंत सिंह का जन्म वीरों की भूमि राजस्थान के ग्राम जसोला जिला बाड़मेर में 3.1.1938 को राजघरानें में हुआ। अभी हाल ही में नोट बाँटने के चक्कर में वे चुनाव आयोग का सामना कर रहे हैं। वैसे देखा जाए तो किसी राज परिवार से संबंध रखने वाले व्यक्ति द्वारा भारतीय संस्कृतिनुसार नोट देना कोई जुर्म नहीं होता।

राजा लोग पहले से ही खुशी के मौकों पर धन बाँटते आए हैं, लेकिन इस बीच चुनाव की घोषणा की वजह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बन गई। तो इसमें जसवंत सिंह का क्या दोष?

लेकिन ग्रहों की जब बात हो तो आपकी पत्रिका में राहु-केतु मध्य सारे ग्रह होने के कारण ही आपको कहीं न कहीं विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। आपका सिंह लग्न होने की वजह से आप दबंग व भाजपा में कद्दावर नेता हैं। लेकिन पीएम के लिए आपकी पत्रिका दमदार नहीं है।

आपकी पत्रिका में आय भाव व धन भाव का स्वामी पंचम भाव सम गुरु की राशि धनु में होकर लग्नेश सूर्य व राज्येश व पराक्रमेश की युति है। इसी कारण से आप परेशानी में पड़े। गुरु नीचस्थ होकर षष्ट भाव में चन्द्र के साथ है। पंचम विद्या बुद्धि भाव का स्वामी भी है, इसी कारण से बगैर सोचे-समझे नोट बाँटने वाली हरकत कर बैठे।

विदेशमंत्री रहने का कारण द्वादश भाव का स्वामी षष्ट में है व अष्टमेश गुरु भी षष्ट भाव में है व शनि भी षष्टेश होकर अष्टम में है। जब त्रीक भाव का स्वामी त्रीक भाव में हो तो विपरीत राजयोग देता है। और यही कारण है कि आपने विदेशमंत्री बनकर राज सुख पाया। वैसे आपकी पत्रिका में केदारयोग, गजकेसरी योग, नीचभंग राजयोग व दुरधारायोग भी बनता है जो शुभ फलदायी है।

आपके लिए गोचर ग्रहों से देखा जाए तो अभी काफी सावधानी रखनी होगी, शनि का भ्रमण सूर्य की शत्रु राशि सिंह से व गुरु का अपनी नीच राशि मकर से भ्रमण नुकसानदेय भी हो सकता है। अभी आपको बुध की महादशा में बुध का ही अन्तर चल रहा है, जो आयेश व धनेंश है, अतः आपका संसद में पहुँचना तो तय है।