मनमोहन सिंह की दूसरी पारी समृद्धशाली
- विलसन लाल
सारी दुनिया भारत के दिग्गज अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह की शालीनता, शांतिप्रियता व सरल स्वभावी व्यक्तित्व के दूसरी पारी में भी प्रधानमंत्री बनने पर हर्षित है। डॉ. मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री काल का दूसरी पारी का सिर्फ मार्च 2012 से दिसंबर 2013 के मध्य का समय राजनैतिक व शारीरिक दृष्टि से अतिकष्टकारी ज्ञात पड़ रहा है। ऐसे समय में राजनैतिक निर्णय लेने में विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता होगी। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या भी आने का योग ज्ञात पड़ता है। उपरोक्त समय में चिकित्सा परामर्श में रहना हितकर होगा।डॉ. मनमोहन सिंह जी का जन्म पाकिस्तान-पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में 26 सितंबर 1932 को हुआ था। शिक्षा-दीक्षा अमृतसर में हुई। जन्म समय राशि -कर्क, नक्षत्र-पुष्प, योग-शिव, करण-बव व लग्न-कन्या पर सूर्य व बुध ग्रह की युति है, जिसने प्रत्येक कर्म क्षेत्र में जातक को सर्वोच्च बनाए रखा है। आय भाव पर शुक्र, चंद्र व मंगल ग्रह कर्क राशि पर विराजमान है जोकि जातक को अर्थ-व्यापार, उद्योग क्षेत्र के माध्यम से राजयोग दिलाता है यही व्यय भाव पर केतु व गुरु ग्रह की युति है। जातक राहु की स्थिति से लाभ व केतु की स्थिति में हानि के योग में रहेगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जब पहली बार 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री बने तब राहु की महादशा मार्च 2004 से प्रारंभ हुई तब राहु की अंतरदशा व गुरु की प्रत्यंतर दशा में प्रधानमंत्री के पद पर सत्तासीन हुए थे। प्रधानमंत्री जी के लिए राहु ग्रह विशेष लाभकारी योग में रहा है और इसके प्रभाव से उन्होंने अपने क्षेत्रों में राजयोग को प्राप्त किया है, पर मार्च 2012 से दिसंबर 2013 के मध्य का समय जब राहु की महादशा में केतु की अंतरदशा जोकि मार्च 2013 तक होगी। प्रधानमंत्री पर अत्यधिक राजनैतिक परेशानी कष्ट व अस्थिरता व दबाव से गंभीर राजनैतिक संकट उत्पन्न होगा जिससे सरकार पर अस्थिरता के बादल छाए रहेंगे।इसी मानसिक दबाव से प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के स्वास्थ्य पर भी गंभीर समस्या आने का योग ज्ञात पड़ता है। राजनैतिक समस्या राजनैतिक यात्राओं से व स्वास्थ्यगत समस्या हेतु निरंतर चिकित्सकीय सलाह में रहना ही श्रेयस्कर रहेगा।जब मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तब राशि-मेष, नक्षत्र-अश्विनी, योग-सौभाग्य, करण-वणिज, व लग्न-वृश्चिक ग्रहविहीन है सूर्य व बुध की युति सप्तमेश में शुक्र व मंगल की युति पंचमेश में गुरु मातृत्व व शनि राज्येश व राहु पराक्रम भाव में है ग्रह स्थिति से ज्ञात पड़ता है कि डॉ. मनमोहन सिंह भारत को समृद्धशाली योग में स्थापित करने में सफल रहेंगे।विभिन्न मतों के राजनेताओं को अपने मनमोहक स्वभाव के कारण प्रशासनिक चुस्ती में बाँधकर रखने में सफल होंगे। डॉ. मनमोहन सिंह अर्थव्यवस्था उद्योग व किसानों के उत्थान में सफल रहेंगे। जिसके कारण भारत का सम्मान देश दुनिया में बढ़ने का योग है फिर भी मनमोहन सिंह कांग्रेस व यूपीए सरकार के एक कर्मठ व्यक्तित्व के रूप में उभरेंगे वहीं देश को प्रगति के पथ पर लाने में सक्षम भी होंगे। परंतु मार्च 2012 से दिसंबर 2013 तक के समय में असीम राजनैतिक कष्ट वेदना से लड़ना भी पड़ेगा। साथ ही स्वास्थ्यगत समस्या से सतर्क रहने की भी आवश्यकता उपरोक्त समय में रखने की आवश्यकता है।