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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 25 जून 2025 (09:54 IST)

हलहारिणी/ आषाढ़ अमावस्या आज, जानें किसान और शक्ति पूजा से क्या है इसका संबंध, पढ़ें 5 उपाय और फायदे

Halharini Amavasya 2025
Significance of Halharini Amavasya: हलहारिणी अमावस्या हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ी/आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि को कहते हैं। इस दिन को किसान अमावस्या और शक्ति पूजा अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।ALSO READ: देवशयनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या महत्व है इस एकादशी का?
 
हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत रख सकते हैं अथवा सादा भोजन करें। इस तिथि का नाम हलहारिणी अमावस्या तथा किसान अमावस्या होने के कारण जमीन या खेती से जुड़े कार्यों में नए काम के आरंभ के लिए यह दिन शुभ माना जाता है। यह तिथि खासकर हल चलाने वाले किसान वर्ग के लिए विशेष मानी जाती है। 
 
इसके अलावा शक्ति पूजा अमावस्या के नाम से जाना जाता है, अत: इस दिन देवी दुर्गा शक्ति की आराधना तथा धन की देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए यह तिथि अतिउपयुक्त मानी जाती है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
 
आइए जानते हैं यहां आषाढ़ यानी हलहारिणी अमावस्या के दिन करने योग्य 5 खास उपाय बताए जा रहे हैं...
 
1. देवी दुर्गा या माता लक्ष्मी की आराधना करें: हलहारिणी अमावस्या पर देवी शक्ति की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इस दिन खास तौर पर दुर्गा सप्तशती या लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें। साथ ही घर की साफ-सफाई कर दीप जलाएं। साथ ही 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' या 'ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः' मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है।ALSO READ: हलहारिणी अमावस्या के दिन करें 5 उपाय, जीवन होगा खुशहाल
 
2. पितृ दोष और शनि दोष से मुक्ति का अवसर: इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना अत्यंत शुभ होता है। जल चढ़ाएं, दीपक जलाएं, कच्चा दूध अर्पित करें और परिक्रमा करें। ऐसा करने से पितृ दोष और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
 
3. दान-पुण्य का महत्व: इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र, फल या धन का दान करें। विशेष रूप से हल चलाने वाले किसानों या श्रमिकों को दान करना अति पुण्यकारी होता है।
 
4. पितरों के निमित्त तर्पण व श्राद्ध करें: अमावस्या तिथि पर पितरों के लिए जल तर्पण और पिंडदान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इससे पितृ तृप्त होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
 
5. हनुमान जी की पूजा और तेल चढ़ाना: अगर जीवन में कष्ट, भय या संकट है, तो इस दिन हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाएं। सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे नकारात्मकता दूर होती है और मानसिक बल मिलता है।

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