तुषार कपूर : करें गणेश आराधना
संयुक्त लॉकेट से मिलेगा लाभ
तुषार का जन्मदिन 20 नवंबर को आता है। जन्म के समय जो नक्षत्र चल रहा था, उसके फलस्वरूप ही तुषार दयालु एवं धर्म के प्रति आस्था रखने वाला है। जन्म के समय सूर्य जिस राशि पर परिभ्रमण कर रहा था उसके अनुसार वह आर्थिक संपन्न है। तुषार की उन्नति में सूर्य की कुंडली में जो उपस्थिति है उसका असर है, परंतु चंद्र तुषार को सुस्त बनाता है। साथ ही विरोधी से परेशानी भी दिलाता है। उनका पैसा सत्कार्य में खर्च होता है। चंद्र जिस राशि पर बैठा है उसके फल से संपन्न बनाता है। कुंडली में जो मंगल की स्थिति है, उससे तुषार को अग्नि से हमेशा बचाव रखना चाहिए और अस्त्र-शस्त्र से दूर ही रहना चाहिए। इनसे खतरा हो सकता है। मंगल के प्रभाव से तुषार भ्रमणशील है। बुध के कारण सुंदर व रूपवान है। ऐसा जातक दूसरे के दुख में मदद करने को हमेशा तैयार रहता है। परंतु स्वयं का दुख दूर करने में असहाय रहता है। कुंडली में जो गुरु विराजमान है उससे तुषार सुंदर एवं स्वस्थ रहता है। वृषभ राशि का गुरु होने से भी संपन्न व सुखी है। तुषार की कुंडली में शुक्र, गुरु राशि पर विराजमान है जिस वजह से भी वह सुखी है। शनि तुषार को तामसी प्रवृत्ति का बनाता है एवं उच्च स्तर पर पहुँचने के संकेत भी देता है। साथ ही गंभीर भी बनाता है। आपको राहु पसली से संबंधित तकलीफ दे सकता है अत: राहु की शांति अवश्य करानी चाहिए।
राहु की महादशा में जन्मे तुषार का भोग्य काल 10 वर्ष, 11 माह और 18 दिन का रहा। वर्तमान में शनि की महादशा चल रही है। जिसके अंतर्गत शुक्र की अंतर्दशा चल रही है, जो 29 अगस्त 2010 से 29 अक्टूबर 2013 तक चलेगी। तुषार ने किसी कन्या को शुक्र का दान देना चाहिए। इसके बाद 11 अक्टूबर 2014 तक सूर्य की अंतर्दशा चलेगी। वर्तमान में पारिवारिक क्लेश अथवा परिवार में उग्रता का माहौल हो सकता है। जनवरी माह लाभप्रद रहेगा। जनसंपर्क से प्रशंसकों में वृद्धि होगी। नई योजना क्रियान्वित होगी, जिसका भविष्य में लाभ मिलेगा। तुषार दिनांक 4, 9, 14 को किसी बड़े डायरेक्टर से संपर्क नहीं करें और ना ही कोई बड़ी फिल्म साइन करें। गुरुवार को लंबी यात्रा न करें। चतुर्थ प्रहर को न जाए। इसी के साथ अच्छे कार्य के लिए मूँगा, पुखराज व माणक का संयुक्त लॉकेट धारण करें। सूर्य व गणेश आराधना से हमेशा लाभ मिलता रहेगा। इति शुभम्