टाइल्स डिजाइनिंग में बहुत हैं अवसर
पूनम
आधुनिकीकरण और भौतिक सुख-सुविधाओं के संसाधनों ने रोजगार के क्षेत्र में बहुत से रास्ते खोल दिए हैं। इनमें व्यापार के साथ रोजगार आसानी से पाया जा सकता है। इन्हीं में से एक है टाइल्स डिजाइनिंग। शहरों में तो टाइल्स लगवाने का चलन बहुत पहले शुरू हो गया था। अब यह छोटे कस्बों और गांवों तक भी पहुंचने लगा है। इसी के चलते निर्माण क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की डिजाइन वाले टाइल्स की मांग भी तेजी से बढ़ी है और टाइल्स डिजाइनरों की भी। यही कारण है कि बहुत से सरकारी और निजी संस्थान अब टाइल्स डिजाइनिंग में कोर्स कराने लगे हैं। टाइल्स फ्लोरिंग का एक विशेष हिस्सा है। घर, कार्यालय, दुकानों, मॉल्स और विभिन्न संस्थानों यानी टाइल्स के बिना किसी का इंटीरियर पूरा नहीं माना जाता। यही कारण है कि इस क्षेत्र में पेशेवर टाइल्स डिजाइनरों की मांग तेजी से बढ़ने लगी है। विशेषज्ञों का मानना है कि टाइल्स में केवल मटेरियल ही नहीं देखा जाता बल्कि इसके डिजाइन ग्राहक को ज्यादा आकर्षित करते हैं। अतः इस क्षेत्र में आने के लिए अभ्यर्थी का क्रिएटिव होना ज्यादा जरूरी है। इसके साथ बाजार में होने वाले नए-नए प्रयोगों और बदलावों का समसामयिक ज्ञान किसी को भी आगे ले जाने में सक्षम होता है।
यहां मिल सकता है रोजगारटाइल्स बनाने वाली विभिन्न कंपनियों जैसे सोमानी, ओरिएंट, कजारिया ही नहीं बल्कि नए ब्रांड भी डिजाइनरों को बहुत महत्व देते हैं। टाइल बनाने वाली कई विदेशी कंपनियां भी बाजार में हैं जो प्रशिक्षित लोगों को रोजगार दे रही हैं।कोर्स और योग्यता टाइल्स डिजाइनिंग से जुड़ा कोई विशेष या अकेला पाठ्यक्रम नहीं है, लेकिन फाइन आर्टस, डिजाइन, सेरेमिक इंजीनियरिंग या टेक्सटाइल इंजीनियरिंग जैसे कोर्स कर इस क्षेत्र में रोजगार की तलाश की जा सकती है। किसी भी संकाय से जुड़े छात्र-छात्राएं 12वीं कक्षा पास करने के बाद इन कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। विज्ञान संकाय के विद्यार्थी सेरेमिक इंजीनियरिंग या टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में दाखिला ले सकते हैं। यहां से करें कोर्स1.
एनआईएफटी, नई दिल्ली2.
जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली