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Written By ND

कामयाब लाइफ मैनेजमेंट के 5 स्टेप

करियर कामयाब आमदनी
NDND
-दिव्यज्योति नंद
करियर में कामयाब होना और जीवन में कामयाब होना दो बिल्कुल अलग-अलग बाते हैं। आप ऐसे कई लोगों को जानते होंगे, जो अच्छी खासी आमदनी के बावजूद पैसों के लिए परेशान रहते हैं- वजह होती है मनी मैनेज करने का सही ढंग न होना।

कहने का मतलब यह कि जीवन में सफलता के लिए गुड लाइफ मैनेजर होना भी उतना ही जरूरी है जितना कि कामयाब एक्जीक्यूटिव होना। सवाल है लाइफ को कैसे कामयाबी के साथ मैनेज करें? पेश हैं इस संबंध में पाँच महत्वपूर्ण कदम-

निवेश में साहसी बनें दुःस्साहसी नहीं
अँगरेजी की कहावत है 'नो रिस्क नो गेन'। जी हाँ, भविष्य के लिए जब निवेश की बात आए तो थोड़ा साहसी होना जरूरी है, लेकिन साहसी होने का मतलब दुःस्साहसी होना कतई नहीं है। कहने का मतलब यह कि निवेश करते समय उम्र का भी ध्यान रखें।

यदि आप युवा हैं तो संभव है घाटा उठाने के बाद दोबारा नई शुरुआत कर सकें, लेकिन यदि आप 40 की बाउंड्री पार कर चुके हैं, तो समझिए घाटा उठाकर उबरना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट से पहले उसके बारे में रिसर्च कर लें, लाभ कितना होगा, यदि घाटे में रहेंगे तो कितना घाटा होगा।

ऐसा नहीं है कि 40 की उम्र के बाद झटका खाने वाले हमेशा हथियार ही डाल देते हों, लेकिन औसतन इस उम्र के बाद क्षमता और हौसले दोनों में गिरावट आती है तो लॉ ऑफ एवरेज के हिसाब से यह उम्र रिस्क लेने की नहीं है।

सावधानी से चुनें करियर
कहते हैं अगर सही आदमी सही जगह हो, तो सफलता खुद चलकर उस तक आती है। जी हाँ, देखा गया है कि जब कोई व्यक्ति वह काम करता है जो उसकी हॉबी होती है तो वह बेहद कामयाब होता है फिर चाहे उसका बैंकग्राउंड कुछ भी हो। अमिताभ बच्चन की हॉबी थी अभिनय।

इसलिए वे एक शानदार एक्जीक्यूटिव की नौकरी छोड़कर अभिनय की दुनिया में कूदे और सफलता का नया शिखर गढ़ा। बिल गेट्स को कम्प्यूटर की जिज्ञासा थी तो उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और आज वे दुनिया की सबसे कामयाब शख्सियत में से एक हैं। इसलिए अपने करियर का चयन सोच-समझकर करें। यदि हॉबी को करियर बनाया तो सफलता को मोहताज नहीं होंगे।

इसका अर्थ यह भी नहीं कि हम आँख मूँदकर कोई भी निर्णय ले लें। कई लोगों को यह भी पता नहीं होता कि वास्तव में उनकी हॉबी है क्या? इसलिए वेतन को ध्यान में रखते हुए करियर का चुनाव भी बुद्धिमानी की निशानी है। एक बार करियर तय कर लेने के बाद अपनी स्किल्स को उसी के अनुरूप माँजें। जॉब के लिए बेहतरीन ट्रेनिंग बेस्ट इन्वेस्टमेंट है। यह जरूर सोचें कि आप जिस करियर का चयन कर रहे हैं आगामी-दस-बीस वर्षों तक उसका क्या महत्व रहेगा।

हर चीज में एक्सक्लुसिवनेस न तलाशें
यह बात गाँठ लें कि कुछ पाने के लिए कुछ तो खोना ही पड़ेगा। इसलिए हर चीज में एक्सक्लूसिवनेस न तलाशें। एक या दो चीजों पर ही फोकस करें। अगर सभी चीजों पर फोकस करेंगे, हर चीज को सुपर और एक्सक्लूूसिव बनाने की सोचेंगे, तो नतीजा यह होगा कि कोई भीचीज एक्सक्लूसिव नहीं बनेगी।

दिल से नहीं दिमाग से खर्च करें
जवानी में अक्सर हर निर्णय में जोश शामिल होता है। खर्च के मामले में भी यह जोश हावी रहता है, लेकिन जीवन के कामयाब प्रबंधन के विरुद्ध है। माना कि घर खरीदना हमारी जरूरत है। पर घर खरीदते समय हम यह भी ध्यान में रखते हैं कि हमें उसके लिए कितना इन्वेस्ट करना चाहिए ताकि हमें आगे चलकर परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसी तरह कुछ भी खरीदने से पहले लोन और उसके बाद आर्थिक व्यवस्था पर पड़ने वाले असर पर भी ध्यान करें।

आप हैं तो दुनिया है, कामयाबी है
जी हाँ, आपकी सबसे कीमती संपत्ति, आपकी सबसे बड़ी एसेट काम करने की क्षमता है। यदि आप बीमार पड़ जाते हैं तो आपकी आय में बढ़ोतरी कभी नहीं होगी। इसलिए अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहें। अपने काम करने की क्षमता को नई-नई तकनीक सेलैस करते रहें। हाँ, अपना स्वास्थ्य बीमा भी जरूर करा लें।