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आर्गेनिक फार्मिंग करियर की संभावनाओं वाला बेहतरीन सेक्टर

आर्गेनिक फार्मिंग करियर की संभावनाओं वाला बेहतरीन सेक्टर - Excellent sector with organic farming career prospects
इन दिनों रोजमर्रा की खान-पान की चीजों में बढ़ते रसायनों और जहरीले कीटनाशकों आदि से हर कोई परेशान है। इस दिशा में अभी हमारे पास सही रिसर्च नहीं हैं, लेकिन लोग अब जैविक तरीके से उत्पादन किए गए फल, सब्जियों और अनाजों का महत्व समझने लगे हैं। ऐसे में ऑर्गेनिक फार्मिंग यानी जैविक खेती की आज भारी डिमांड में है। दुनियाभर में कई कंपनियां ऑर्गेनिक तरीके से उगाए गई सब्जियों और अनाजों की मार्केटिंग कर रही हैं।

जानकारों का मानना है कि जैविक उत्पाद उगाने और बेचने वालों को खासा मुनाफा हो रहा है। साल 2020 में हमारे देश में आर्गेनिक फूड मार्केट 849.5 मिलियन डॉलर का था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि वर्ष 2026 तक यह बढ़कर 2.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। भारत दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, यहां हमेशा ग्रोथ की खूब संभावनाएं मौजूद हैं। इस तरह हम देखें तो देश में करोड़ों लोगों के लिए आर्गेनिक फार्मिंग सेक्टर में रोजगार के बहुत से अवसर मौजूद हैं।

आर्गेनिक फार्मिंग में किसान किसी भी तरह के रसायनों का इस्तेमाल नहीं करते। वे प्राकृतिक तरीकों से खेती करते हैं और फल, सब्जियां और अनाज उगाते हैं। स्वाभाविक बात है कि ऐसे उत्पादों को बेहतर हेल्थ के लिए लोग हाथों-हाथ खरीदने को भी तैयार रहते हैं। उपभोक्ताओं को जब सेहतमंद फल और सब्जियां मिलती हैं तो वे मोटी कीमत भी आसानी से चुकाते हैं। ऐसे में वे लोग जो जमीन से जुड़कर प्रकृति के नजदीक रहकर खेती में करियर खोजते हैं तो उनके लिए आर्गेनिक फार्मिंग एक बहुत ही संभावनाओं से भरा हुआ फील्ड है।
  • आर्गेनिक खेती और इसके प्रोडक्ट पिछले कुछ सालों में मार्केट में चर्चित हैं।
  • बड़े महानगरों के आसपास के गांवों और कस्बों के लिए सबसे बेहतर स्वरोजगार का साधन।
  • आर्गेनिक खेती में बहुत कम निवेश से भी काम शुरू किया जा सकता है।
  • दुनिया की टॉप एफएमसीजी कंपनियां भी आर्गेनिक प्रोडक्ट्स की तरफ आकर्षित हो रही हैं।
तो अगर आप भी खेती करना चाहते हैं या आप एक किसान हैं और जैविक खेती से फायदा लेना चाहते हैं तो आर्गेनिक फार्मिंग का फील्ड आपके लिए करियर का एक शानदार मौका भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि आर्गेनिक फार्मिंग में करियर की संभावनाओं को कैसे तलाशें-

शुरुआत कैसे करें?
आर्गेनिक फार्मिंग करने वाले फल, सब्जियां और अनाज से लेकर मसाले, हेल्थ सप्लीमेंट आदि भी उगा रहे हैं। मीडिया में कई बार गंदे पानी के किनारे उगाई जा रही सब्जियों की खबरें आती रहती हैं। लोग इनका बेहतर विकल्प चाहते हैं। यह वक्त हेल्थ अवेयरनेस का है। अब यह वक्त है जब लोग देसी फल और सब्जियां ढूंढ रहे हैं। उपभोक्ता यह जान गया है प्राकृतिक तौर पर उगी सब्जियां और फल ही सेहतमंद हैं। इसीलिए आज कई कंपनियां हैं जो अहमदाबाद, पुणे, मुंबई या फिर दिल्ली चंडीगढ़ जैसे महानगरों में रहकर आर्गेनिक उत्पादों की मार्केटिंग का काम कर रही हैं। इनकी कमाई भी करोड़ों में हैं। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि एक ओर जहां साधारण तौर पर टमाटर या आलू आपको बाजार में 20 से 25 रूपए प्रतिकिलो तक मिल जाते हैं, आर्गेनिक फार्मिंग द्वारा उगाई गई यही सब्जियां आपको 80 या 100 रूपये के दामों में मिलती हैं। तो एक बात तय है कि इस सेक्टर में लाभ बहुत है।  इसलिए भारत में कई कंपनियां आर्गेनिक फार्मिंग के सेक्टर में बहुत ग्रोथ कर रही हैं।

इसलिए अगर आप किसी कस्बे या छोटे से गांव में भी रहते हैं तो बहुत छोटे पैमाने से भी आर्गेनिक फार्मिंग की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए आपका विजन होना चाहिए। आपके सामने एक क्लियर पिक्चर होनी चाहिए कि आप ऑर्गेनिक खेती में क्या करना चाहते हैं। मसलन आप फल उगाना चाहते हैं या सब्जियां या फिर अनाज उगाना चाहते हैं। फिर इसकी मार्केटिंग किस तरह करेंगे। अगर आप किसी छोटे कस्बे में रहते हैं और अगर आपके पास कोई जमीन नहीं है तो अपने घर की छत पर भी आर्गेनिक फार्मिंग कर सकते हैं। इसे रूफटॉप फार्मिंग कहते हैं। छोटे से पैमाने पर भी इस तरह के काम किये जा सकते हैं। हर व्यक्ति टॉक्सिक फूड के बजाए बेहतर फल, सब्जी और अनाज खाना चाहता है। यही कारण है कि आर्गेनिक फॉर्म्स और उनके उत्पादों की डिमांड छोटे शहरों में भी बढ़ रही है।

*लोगों के हेल्थ के प्रति जागरूक होने से आर्गेनिक चीजों की संस्कृति बढ़ी है।
*आर्गेनिक उत्पादों के दाम भी बहुत अच्छे मिलते हैं।
*अच्छी मार्केटिंग स्किल्स के साथ जैविक उत्पादों में है हाई प्रॉफिट।

न्यूनतम निवेश वाला व्यवसाय
इन दिनों यंग फार्मर्स का ध्यान ऑर्गेनिक खेती की तरफ खिंचा है। वे इस सेक्टर में खूब काम कर रहे हैं। आमतौर ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसान गाय और अन्य पशुओं के गोबर आदि को ही खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं। वे उगायी जाने वाली फसलों और फलों इत्यादि के बीज भी खुद ही तैयार करते हैं। इस तरह इसमें शुरूआती खर्च बहुत कम ही आता है। फिर जैसे-जैसे आपकी आमदनी बढ़े आप अपने क्षेत्र का कुछ और विस्तार भी कर सकते हैं। लेकिन यह तय है कि ऑर्गेनिक खेती में बहुत कम शुरुआती खर्च से ही काम शुरू किया जा सकता है। एक बात और ध्यान देने की है कि ऑर्गेनिक खेती करते समय यह ध्यान देना भी बेहद जरूरी है कि हमारे आस-पास के वातावरण में कौन सी फसलें या सब्जियां आसानी से उग सकती हैं। अगर हम स्थानीय प्रजातियों की तरफ ज्यादा ध्यान देंगे तो उन पर लागत भी बहुत कम आएगी।

*लोग छतों पर भी आर्गेनिक फार्मिंग का काम कर रहे हैं।
*किराये या लीज पर जमीन लेकर भी काम किया जा सकता है।
*लोकल वैरायटी याने स्थानीय प्रजातियों के उत्पादों से शुरू करना बेहतर।
*हमारे देश में एग्रिकल्चर बहुत बड़ा सेक्टर है। इसमें आर्गेनिक फार्मिंग की खूब संभावनाएं मौजूद
*जैविक खेती के लिए सरकारों की कई स्कीम्स भी मौजूद।

क्या जरूरी है
कोई भी प्रोडक्शन वाला काम सिर्फ उत्पादन से ही नहीं चलता। सेल्स और मार्केटिंग के गुर आना भी जरूरी है। तो अगर आप ऑर्गेनिक एग्रिकल्चर की शुरूआत करना चाहते हैं तो इसके लिए ट्रेनिंग करें। प्रशिक्षण से आपको इस विषय के सभी पहलुओं को समझने में आसानी होती है। इसके लिए किसी एग्रिकल्चर कॉलेज या कृषि क्षेत्र में काम कर रही एजेंसियों, सरकारी विभागों आदि से संपर्क करना चाहिए। ये इंस्टिट्यूट्स समय-समय पर अलग-अलग अवधि के कोर्सेज चलाते हैं। आजकल केंद्र और राज्य सरकारें भी जैविक खेती की तरफ बहुत ध्यान दे रही हैं और इसके प्रमोशन के लिए कई तरह की स्कीम्स भी चला रही हैं। ऑर्गेनिक फार्मिंग के सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए कई तरह की सरकारी सब्सिडी भी होती हैं जिसमें टूल्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीड्स आदि से लेकर कोई एडवांस ट्रेनिंग आदि के लिए भी रियासतें शामिल हैं।

*बेसिक ट्रेनिंग लेना आवश्यक।
*मार्केटिंग स्किल्स सीखना भी जरूरी।
*मार्केट रिसर्च पर ध्यान दें और निवेश भी करें।
*हमेशा प्लानिंग के साथ ही आगे बढ़ें।
*एक्सपर्ट्स की सलाह लेते रहें।

अगर आपने एग्रिकल्चर का कोई कोर्स किया है या आप इस तरह के फील्ड से जुड़े हैं तो आर्गेनिक फार्मिंग में आपके लिए कई तरह की बेहतरीन संभावनाएं मौजूद हैं। लेकिन अगर आप कुछ और काम या व्यवसाय करते हैं और आपकी रूचि आर्गेनिक फार्मिंग सेक्टर में है तो आपको इससे जुड़ा कोई कोर्स कर लेना चाहिए। यह कोर्स कुछ हफ्तों से लेकर साल भर तक का हो सकता है। इसके लिए आपको इंटरनेट या किसी एक्सर्पट्स से बहुत सी जानकारियां मिल जाएंगी। लेकिन कोर्स करना भी एक तरह का निवेश है। याद रखिए बिना भलीभांति जाने हुए किसी भी तरह के क्षेत्र में जाना बहुत ही रिस्की हो सकता है। इसलिए आर्गेनिक फार्मिंग के लिए भी इससे जुड़ी हुई कोई न कोई एक ट्रेनिंग जरूर कर लें। बाद में वक्त के साथ आवश्यकता पड़ने पर अपने कौशल को और बेहतर करने तथा नई चीजों को जानने समझने के लिए भी कुछ रिर्फेशर कोर्स जरूर करें।

आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर कामकोटि विजयनाथन का मानना है कि ऑर्गेनिक फार्मिंग लगभग जीरो लागत वाली एक्टिविटी है। कारण कि इसके लिए हर चीज हमें प्रकृति से ही मिल जाती है। हां शुरूआत में अगर हमारे पास कुछ संसाधन नहीं हैं तो थोड़ा सा निवेश करना पड़ सकता है, लेकिन बाद में आर्गेनिक खेती से होने वाले मुनाफे से एक बार में ही हिसाब बराबर कर लाभ के रस्ते पर आगे बढ़ सकते हैं। हमारे देश में 70 फीसदी आबादी किसी न किसी तरह से खेती पर निर्भर है। ये एक ऐसा सेक्टर है जो देश के पचास प्रतिशत या उससे अधिक लोगों के रोजगार का जरिया भी है।

पिछले कुछ सालों में कृषि क्षेत्र में हुए कई अनुसंधानों के कारण अब नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से ऑर्गेनिक फार्मिंग हो कई नए और  इनोवेटिव तरीकों से हो रही है। नतीजा आर्गेनिक फार्मिंग के प्रति के प्रति युवा आकर्षित हो रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में में आईआईएम जैसे टॉप बिजनेस संस्थानों से पढ़े ग्रेजुएट्स और पोस्टग्रेजुएट युवाओं ने आर्गेनिक फार्मिंग की ओर रुख किया है। ट्रेंड्स बताते हैं कि पूरी दुनिया सहित हमारे देश में भीजैविक खेती का चलन लगातार बढ़ रहा है। तो अगर आप अपने लिए कोई करियर तलाश रहे हैं तो आर्गेनिक खेती करते हुए आप कई लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं।
Edited by navin rangiyal