भविष्य बनाएँ हेयर स्टाइलिस्ट बनकर
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अशोक सिंह सुंदर दिखने की ललक भला किसे नहीं होती है। महिलाओं की तो छोड़िए अब तो पुरुषों में भी ऐसी होड़ दिखाई देती है। कॉस्मेटिक्स प्रोजेक्ट तैयार करने वाली कंपनियाँ, ब्यूटी पार्लर और कॉस्मेटिक सर्जरी इसी चाहत का परिणाम है। इस प्रकार के कार्यकलापों पर आधारित कारोबार दिन दूनी और रात चौगुनी गति से देश-विदेश में तेजी से फैल रहा है। इस क्रम में ग्रामीण कस्बों से लेकर मेट्रोपॉलिटन शहरों तक में महिलाओं और पुरुषों के लिए ब्यूटी पॉर्लरों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है। इसके अलावा अन्य शारीरिक श्रृंगार और सबसे आवश्यक केश-विन्यास या हेयर स्टाइलिंग की भूमिका भी उल्लेखनीय है।इस तथ्य से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि किसी भी व्यक्ति को आकर्षक बनाने में बालों की अहम भूमिका होती है। महज बालों की स्टाइल बदलने से व्यक्तित्व में आमूल-चूल बदलाव नजर आने लगता है या दूसरे शब्दों में पहचान ही बदल जाती है। व्यक्ति की कदकाठी तथा चेहरे के आकार के अनुसार ही बालों की स्टाइल का निर्धारण किया जाता है। इसमें हेयर स्टाइलिस्ट ही मददगार होते हैं। आज के दौर में बाल काटने वाले परंपरागत नाइयों को हेयर स्टाइलिस्ट की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। अब यह विधा भी अलग पेशे का रूप ले चुकी है और सफल होने के लिए ट्रेनिंग हासिल करना इसमें अहम हो गया है। अधिकांश लोगों को यह जानकारी नहीं होगी कि हेयर स्टाइलिंग के पर आधारित विभिन्न ट्रेनिंग कोर्सेज अब विश्व भर में छोटे अथवा बड़े पैमाने आयोजित किए जाते हैं। इनकी अवधि चंद सप्ताह से लेकर एक वर्ष तक हो सकती है। कुछ संस्थानों में ब्यूटी कल्चर कोर्स के अंतर्गत भी ऐसी ट्रेनिंग अनिवार्य तौर पर देने का प्रावधान है। इन कोर्सेज का उद्देश्य हेयर स्टाइलिंग के ऐसे गुर सिखाना है जिसमें 'न्यू लुक' क्रिएट किया जा सकें। विदेशों में इस प्रकार के लुक को विकसित करने के लिए कंप्यूटर मॉडलों का सहारा लिया जाता है। हेयर स्टाइलिंग की ट्रेनिंग में कॉम्बिंग, पर्मिंग, स्पाइकिंग के अलावा हेयर कटिंग की विभिन्न टैक्निक्स से जुड़ा व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान भी दिया जाता है। इस प्रकार के कोर्सेज के दौरान बालों के गुणों के अनुसार स्टाइल का निर्धारण एवं बालों की रंगाई के बारे में भी बताया जाता है। जिसका लाभ काम के दौरान मिलता है। अन्य किसी प्रकार के क्षेत्रों की भाँति इसमें भी क्रिएटिविटी, नई सोच और कुछ अलग कर दिखाने वालों के लिए सफलता के नए मुकाम हासिल करना बड़ी बात नहीं है। इसके लिए महज ट्रेनिंग ही पर्याप्त नहीं है बल्कि कार्य अनुभव के साथ इंटरनेट, ब्यूटी मैग्जीनों और इस क्षेत्र के महारतियों के संपर्क में रहना भी आवश्यक है। इससे न सिर्फ तेजी से बदलते ट्रेंड से स्वयं को अपडेट कर पाना संभव है बल्कि इस क्रम में नए प्रयोग कर स्वयं को स्थापित करने की दिशा में भी कदम उठाने का सपना साकार किया जा सकता है। इस प्रकार के कोर्सेज में अमूमन 12वीं के बाद ही दाखिले दिए जाते हैं पर नीजि संस्थानों दसवीं के बाद भी एडमिशन दिए जाते हैं। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए युवाओं में इस काम के प्रति दिलचस्पी और पैसे के साथ नाम कमाने की भावना का होना आवश्यक एवं अहम शर्त कही जा सकती है। ट्रेंड लोगों की जरूरत फिल्म इंडस्ट्री, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, फैशन ऑर्गेनाइजर, ब्यूटी पार्लरों, सेलिब्रेटीज इत्यादि के लिए बड़े पैमाने पर होती है। इतना ही नहीं, मीडिया प्रोडेक्शन हाउसेज, फाइव स्टार होटल, क्लबों और नाइट पार्टियों में भी इसकी सेवाएं ली जाती हैं। हुनर, अनुभव और साख के अनुसार इनको वेतन अथवा कांट्रैक्ट आधारित फीस दी जाती है। विदेशों में हेयर स्टाइलिंग का प्रचलन आम लोगों में बड़े पैमाने पर है इसलिए इटली, फ्रांस, अमेरिका, लंदन सहित अन्य यूरोपीय देशों में सक्षम हेयर स्टाइलिस्ट की मांग हमेशा रहती है।