कूल मौसम का हॉट फंडा
बदलते मौसम में यूथ का अंदाज
बेशक गुलाबी सर्दियों का सुहाना मौसम अपनी आमद दर्ज करा चुका है पर युवा ब्रिगेड अभी भी गर्मियों के फंडे अपना रही है। फिर चाहे वह आइसक्रीम खाना हो, स्लीवलेस टी-शर्ट्स पहनना हो, केपरी पहननी हो या चिल्ड कोल्ड ड्रिंक्स पीना हो...। यूँ तो कहा जाता है कि आती हुई और जाती हुई ठंड से बचाव जरूर करना चाहिए लेकिन युवाओं को यह नसीहत हजम नहीं होती। वे तो खुद को स्टाइलिश दिखाने की की खातिर हर संभव जतन करते हैं।हाथ में हल्का स्टॉल या गले में मफलर लटकाकर युवा इस ठंड से मुकाबला कर रहे हैं। शाम होते-होते मौसम जरा और ठंडा हुआ तो दोस्तों संग बाहर आइसक्रीम खाने का प्रोग्राम बना लिया। पहले जहाँ सर्दी शुरू होते ही युवा हों या बुजुर्ग सभी दबे-ढके से नजर आते थे। एक के ऊपर एक स्वेटर चढ़ाए रखते थे, वहीं आज ट्रेंड बदल गया है। अब तो इस मौसम में बेशक ऊपर पूरी बाँह की जैकेट पहन रखी हो पर साथ में मिनी स्कर्ट पहनने से कोई गुरेज नहीं होता। गर्मियों में पहनी जाने वाली टी-शर्ट और शॉर्ट्स के साथ गले में बंधा हल्का-सा मफलर ही ठंड की शुरुआत होने का अहसास कराता है। वैसे हल्की-हल्की ठंड में टोपी पहनने का भी अपना अलग मजा है। ये फैशन का नया फंडा है जो सभी युवाओं को खूब रास आता है। एक स्टूडेंट कृतिका कहती हैं, 'एक तो वैसे ही अब इतनी ठंड नहीं पड़ती। और अगर ठंड होती है तो भी क्या फर्क पड़ता है! मिनी स्कर्ट और शॉर्ट्स के साथ एक मफलर, स्टोल या गर्म कैप आदि ही ठंड मिटाने के लिए काफी होता है।' इसे आप नए जमाने का स्टाइल स्टेटमेंट भी कह सकते हैं। वैसे भी आजकल सर्दियों के लिए स्वेटर खरीदना तो बेवकूफी ही होती है। सर्दियाँ पड़ती ही कितने महीनों के लिए हैं।"जहाँ तक बात है ठंड के मौसम में ठंडी-ठंडी आइसक्रीम खाने की तो आइसक्रीम स्टॉल लगाने वाले बंसी कहते हैं, 'हमारे पास तो हर मौसम में आइसक्रीम खाने वालों की भीड़ जुटी रहती है। ऐसा तो काफी समय से नहीं हुआ कि सर्दियाँ आने पर ग्राहक कम हुए हों बल्कि सर्दियों में तो युवा आइसक्रीम और शौक से खाते हैं।' न सिर्फ लड़कियाँ बल्कि लड़के भी ठंड से खुद को बचाने के लिए गर्म कपड़ों का लबादा ओढ़ने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाते। बरमूडा और किटोज के साथ पूरी बांह की स्वेट टी-शर्ट और मफलर आदि पहन कर वे सर्दियों को ठेंगा दिखाते नजर आते हैं। आखिर उन्हें भी तो फैशनपरस्त दिखना है और इसमे सामने ठंड को भी मात देने से वे कैसे चूक सकते हैं। जब लड़कियाँ आगे हैं तो लड़के कैसे पीछे रहें भला।