Last Modified: नई दिल्ली ,
शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010 (20:25 IST)
विनिवेश से 40 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री से हासिल होने वाले राजस्व का लक्ष्य बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपए कर दिया है जो चालू वित्त वर्ष में 25 हजार करोड़ रुपए पर तय किया गया है।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद में पेश 2010-11 के आम बजट में कहा कि केंद्रीय सरकारी उपक्रमों को सूचीबद्ध करने से निगमित प्रशासन सुधरता है। पिछले साल से ही ऑइल इंडिया लिमिटेड, एनएचपीसी, एनटीपीसी और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम जैसी कंपनियों की हिस्सेदारी का विनिवेश किया गया, जबकि राष्ट्रीय खनिज विकास निगम और सतलुज जल विद्युत निगम के मामले में यह प्रक्रिया चल रही है।
मुखर्जी ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश से 25, 000 करोड़ रूपये जुटाएगी । मैं 2020-11 के दौरान अधिक राशि जुटाने का प्रस्ताव करता हूँ। विनिवेश से हासिल होने वाले धन का इस्तेमाल सामाजिक क्षेत्र की स्कीमों की पूँजी व्यय की जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा।
जिन कंपनियों को अक्टूबर 2004 से सूचीबद्ध किया गया है, उनका बाजार पूँजीकरण 3 .8 गुना बढ़ चुका है और यह इस समय 2,98,929 करोड़ रुपए है। (भाषा)