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(1) लुम्बिनी :
यह स्थान नेपाल की तराई में पूर्वोत्तर रेलवे की गोरखपुर-नौतनवाँ लाइन के नौतनवाँ स्टेशन से 20 मील और गोरखपुर-गोंडा लाइन के नौगढ़ स्टेशन से 10 मील दूर है।
नौगढ़ से यहाँ तक पक्का मार्ग भी बन गया है। गौतम बुद्ध का जन्म यहीं हुआ था। यहाँ के प्राचीन विहार नष्ट हो चुके हैं। केवल अशोक का एक स्तम्भ है, जिस पर खुदा है- 'भगवान् बुद्ध का जन्म यहाँ हुआ था।' इस स्तम्भ के अतिरिक्त एक समाधि स्तूप भी है, जिसमें बुद्ध की एक मूर्ति है। नेपाल सरकार द्वारा निर्मित दो स्तूप और हैं। रुक्मनदेई का मंदिर दर्शनीय है। एक पुष्करिणी भी यहाँ है।
(2) बोधगया :
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(3) सारनाथ :
बनारस छावनी स्टेशन से पाँच मील, बनारस-सिटी स्टेशन से तीन मील और सड़क मार्ग से सारनाथ चार मील पड़ता है। यह पूर्वोत्तर रेलवे का स्टेशन है और बनारस से यहाँ जाने के लिए सवारियाँ- ताँगा, रिक्शा आदि मिलते हैं। सारनाथ में बौद्ध-धर्मशाला है। यह बौद्ध-तीर्थ है।
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