ड्राइव एंग्री : फिल्म समीक्षा
बैनर : मिलेनियम फिल्म्स निर्देशक : पेट्रिक लुसिएर कलाकार : निकोलस केज, एम्बर हर्ड, विलियम, डेविड मॉर्स सेंसर सर्टिफिकेट : ए * अवधि : 1 घंटा 48 मिनटरेटिंग : 2/5 अपने आपको अकाउंटेंट बताने वाला व्यक्ति दो लड़कों से मिलता है। पहले कहता है कि मैं तुमसे अगली मुलाकात तब करुँगा जब तुम 73 वर्ष के हो जाओगे। दूसरे से कहता है कि हम 3 महीने बाद मिलेंगे। यह सीन और संवाद उस वक्त समझ में नहीं आते हैं, लेकिन फिल्म में कुछ देर बाद पता चलता है कि वह अकाउंटेंट नहीं है बल्कि नरक से पृथ्वी पर भाग आए एक व्यक्ति को पकड़ने के लिए आया है। ‘ड्राइव एंग्री’ का स्क्रीनप्ले इसी तरह लिखा गया है। कुछ दृश्य आते हैं और फिर उनका लिंक बाद में जोड़ा जाता है। दरअसल इस तरह के ट्विस्ट और टर्न जरूरी थे क्योंकि कहानी बेहद सरल और सपाट है।
चूँकि फिल्म 3-डी में है, इसलिए सारा फोकस चेजिंग और एक्शन दृश्यों पर दिया गया ताकि एक्शन प्रेमी फिल्मों के शौकीन को खुश किया जा सके। जॉन मिल्टन (निकोलस केज) अपने बेटी के हत्यारों की तलाश में है। हत्यारों के पास उसकी पोती भी है जिसकी वे बलि चढ़ाने वाले हैं। जॉन के इस मिशन में न चाहते हुए भी पाइपर (एम्बर हर्ड) भी शामिल हो जाती है और कुछ क्षणों बाद उसे भी गोलियों की बौछारों के बीच जोखिम उठाने में मजा आने लगता है। जॉन के पीछे एक एकाउंटेंट (विलियम) लगा है, जिसे समझना कठिन है क्योंकि कभी वह इनका मददगार जान पड़ता है तो कभी परेशानी पैदा करने वाला। इस भागमभाग में एक्शन के कई दृश्य और हत्याएँ होती हैं।स्क्रीनप्ले कुछ इस तरह लिखा गया है कि ज्यादा से ज्यादा एक्शन दृश्य दिखाए जा सके, लेकिन इन एक्शन दृश्यों में नयापन नहीं है। जबकि इस तरह की फिल्मों में कुछ हैरतअंगेज स्टंट्स की उम्मीद लिए दर्शक जाता है। 3-
डी में कुछ एक्शन सीन जरूर प्रभावित करते हैं जब गोलियाँ सीधे आपकी ओर चली आती है या कारों में जब विस्फोट होता है। फिल्म के अंत में खलनायक के मारे जाने वाला दृश्य भी 3-डी में बेहद उम्दा लगता है।
निकोलस केज ने ऐसा इंसान की भूमिका निभाई है जो दुनिया में मरने के बाद फिर लौटता है और बदलावों से परिचित नहीं है। वह सेलफोन को पोर्टेबल फोन बोलता है। सिर्फ बदला उसका मकसद है और उन्होंने इस भावना को अभिनय के जरिये बेहतरीन तरीके से प्रदर्शित किया है। एम्बर हर्ड ने उनका साथ अच्छे से निभाया है।तकनीकी रूप से फिल्म सशक्त है। एडिटिंग और बैकग्राउंड म्यूजिक शानदार है। 3-डी इफेक्ट्स का कम उपयोग किया गया है, जिससे थोड़ी निराशा होती है। कुल मिलाकर ‘ड्राइव एंग्री’ एक रूटीन एक्शन फिल्म है।