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Last Updated : शुक्रवार, 8 मार्च 2024 (19:12 IST)

Shaitaan movie review: अजनबी बना शैतान, आफत में पड़ गई जान

Shaitaan movie review: शैतान के ट्रेलर में ही आधी कहानी बता दी गई थी। अजनबी वनराज (आर माधवन) कबीर (अजय देवगन) के घर में मोबाइल चार्ज करने के बहाने घुसता है तो फिर निकलने को तैयार ही नहीं होता। कबीर उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि उसकी बेटी जान्हवी को वनराज ने अपने वश में कर लिया है। ट्रेलर देख दिलचस्पी इस बात में जागती है कि वनराज ने ऐसा क्यों किया है? इसके पीछे उसका क्या उद्देश्य है? कबीर अपनी बेटी को इस वशीकरण या काले जादू के जाल से निकाल पाएगा या नहीं? इन सवालों के जवाब विकास बहल निर्देशित फिल्म में मिलते हैं। 
Shaitaan movie review: अजनबी बना शैतान, आफत में पड़ गई जान - shaitaan 2024 movie review starring ajay devgn
 
कहानी कुछ घंटों की है और 90 प्रतिशत समय कैमरा कबीर के फॉर्महाउस से बाहर नहीं निकलता। लेखक और निर्देशक के सामने चुनौती थी कि दर्शकों को बोर नहीं होने दिया जाए और इसमें वे कामयाब रहे हैं। कुछ-कुछ देर में दिलचस्प मोड़ देकर उन्होंने दर्शकों को इंटरवल तक बांधे रखा। इंटरवल के बाद फिल्म थोड़ी लड़खड़ाती है, लेकिन उत्सुकता इस बात में रहती है कि वनराज आखिर ऐसा क्यों कर रहा है? अंत में ये भेद खुलता भी है और थोड़ी निराशा होती है लेकिन विकास बहल तब तक दर्शकों को बांध रखने में सफल रहे हैं। 
Shaitaan
शैतान गुजराती फिल्म 'वश' का हिंदी रीमेक है जिसकी कहानी कृष्णदेव याज्ञनिक ने लिखी है। आमिल कीयान खान ने स्क्रिप्ट लिखी है। स्क्रिप्ट में थोड़े झोल भी हैं। जैसे वनराज पहले भी कुछ लड़कियों के साथ ऐसा कर चुका है, लेकिन उसे पुलिस क्यों नहीं पकड़ पाई, जबकि वह दिन के उजाले में मस्ती से घूमता है। वनराज जब कबीर की बेटी को अपने वश में कर लेता है तो कबीर क्यों कुछ नहीं करता? ठीक है, वह अपनी बेटी के साथ यह होते देख घबरा जाता है, लेकिन इसके बाद वह एक्शन लेने में काफी समय लेता है। हालांकि ये कमियां ऐसी नहीं है जो फिल्म देखते समय बाधक बने। 
 
मनोरंजन से परे तर्क की कसौटी पर फिल्म को परखा जाए तो फिर फिल्म से आप सहमत नहीं हो सकते हैं क्योंकि यह काला जादू या वशीकरण, अंधविश्वास वाला विषय है। 
 
निर्देशक विकास बहल ने ड्रामे की रोचकता बरकरार रखने में सफलता पाई है। उन्होंने लगातार दर्शकों को चौंकाया है और आगे क्या होने वाला है, इस उत्सुकता को बरकरार रखा है। माधवन को निगेटिव रोल सौंपने का उनका दांव सफल साबित हुआ है क्योंकि दर्शकों ने माधवन को इस तरह के रोल में कभी नहीं देखा और इससे फिल्म में नवीनता महसूस होती है। 

 
अमित त्रिवेदी का बैकग्राउंड म्यूजिक इस फिल्म का बड़ा प्लस पाइंट है। हॉरर और थ्रिलर में उनका संगीत रोमांच पैदा करता है। 
 
अजय देवगन 'दृश्यम' की तरह अपने परिवार को प्रोटेक्ट करने वाले व्यक्ति की भूमिका को ही आगे बढ़ाते दिखे। दृश्यम में अपने बुद्धि के बल पर बाजी पलट देते हैं, जिसकी शैतान में कमी महसूस होती है। हालांकि उनका अभिनय अच्छा है। आर माधवन ने अपने किरदार को मजे लेकर अभिनीत किया है। उन्हें इस तरह का मैदान पहली बार मिला जिस पर वे जम कर खेले और दर्शकों में सिरहन पैदा करने में कामयाब रहे। जान्हवी के रूप में जानकी बोदीवाला प्रभावित करती हैं क्योंकि उनका किरदार कठिन था। कबीर की पत्नी के रूप में ज्योतिका ठीक रहीं। 
 
शैतान मनोरंजन के लिए तभी देखी जा सकती है जब अंधविश्वास, काला जादू या वशीकरण जैसी तार्किक बातों को परे रखा जाए। 
  • फिल्म : शैतान (2024) 
  • बैनर : जियो स्टूडियोज़, देवगन फिल्म्स, पैनोरमा स्टूडियोज़
  • निर्माता : अजय देवगन, ज्योति देशपांडे, कुमार मंगत, अभिषेक पाठक
  • गीतकार : कुमार
  • संगीतकार : अमित त्रिवेदी 
  • कलाकार : अजय देवगन, आर माधवन, ज्योतिका, जानकी बोदीवाला, अंगद राज
  • सेंसर सर्टिफिकेट : यूए : 2 घंटे 12 मिनट