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Written By समय ताम्रकर

2011 : अंतरिक्ष का आक्रमण – फिल्म समीक्षा

2011 अंतरिक्ष का आक्रमण
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निर्देशक : जोनाथन लिबेसमैन
कलाकार : ऑरन एकहार्ट, माइकल रॉड्रिग्ज
1 घंटा 57 मिनट
रेटिंग : 2.5/5

हॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में बन चुकी हैं, जिनमें दूसरे ग्रह के वासी पृथ्वी पर हमला करते हैं। उनका शरीर, भाषा और तकनीक पृथ्वीवासियों से अलग रहती है और इरादे खतरनाक।

पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्य अपनी हिम्मत और बहादुरी के जरिये खतरनाक एलियंस के इरादों को नामकायाब कर उन पर विजय पाता है। ‘बेटल : लॉस एंजिल्स’ भी इसी श्रेणी की फिल्म है, जिसे हिंदी में ‘2011 : अंतरिक्ष का आक्रमण’ नाम से रिलीज किया गया है।

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12 अगस्त 2011 को दुनिया के कई शहरों में एलियंस द्वारा हमला होता है। ये रोबोटनुमा एलियंस की कोई भाषा नहीं है और न ही ये संपर्क करने की कोशिश करते हैं। वे सिर्फ मनुष्य जाति का खात्मा चाहते हैं ताकि पृथ्वी पर उनका राज हो। पानी उनका ईंधन है।

अमेरिकन सैनिकों की एक पलटन को कुछ लोगों को बचाने का जिम्मा सौंपा जाता है। लॉस एंजिल्स उनकी रणभूमि बनता है। सार्जेण्ट और उनकी प्लाटून अपने दिमाग और बहादुरी के बल पर ऐसी लड़ाई लड़ते हैं जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। एक लंबी और हैरतअंगेज लड़ाई के बाद वे कामयाब होते हैं, लेकिन अपने कुछ साथियों से बिछड़ने का मोल भी उन्हें चुकाना पड़ता है।

फिल्म सिंगल ट्रेक पर चलती है। इधर हीरो हैं और सामने दुश्मन। अंत में क्या होने वाला है, ये सभी को मालूम है, लेकिन दिलचस्पी इसमें है कि यह सब कैसे होता है। कुछ हद तक फिल्म इस दिशा में कामयाब है क्योंकि उत्सुकता बनी रहती है।

फिल्म का सारा फोकस एक्शन पर है क्योंकि यह एक्शन के शौकीन दर्शकों के लिए बनाई गई है, लिहाजा कहानी, स्क्रीनप्ले और कैरेक्टर्स पर कम ध्यान दिया गया है। चारों और गोलियाँ, बम और मिसाइल से हमले होते हैं, जिससे बिल्डिंग ढह जाती है, विस्फोट होते हैं, हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज उड़ाए जाते हैं और लाखों लोग मारे जाते हैं। फिल्म के कई एक्शन सीन जबरदस्त हैं।

एलियंस के बारे में विस्तार से बताया जाता तो फिल्म का आकर्षण बढ़ सकता था। वे कौन हैं, कहाँ से आए हैं इस बारे में बात नहीं की गई है। साथ ही भद्दे दिखाई देने वाले एलियंस कम समय के लिए परदे पर आते हैं, जबकि इस तरह की फिल्मों में वे ही आकर्षण का केन्द्र होते हैं। दर्शक उनके हथियार और उनकी खासियत को देखना पसंद करता है। ‘मैन इन ब्लैक’ जैसी फिल्में इसी कारण दर्शकों को बेहद पसंद आई।

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निर्देशक जोनाथन लिबेसमैन ने कुछ इमोशनल सीन्स भी रखे हैं, जो सिर्फ फिल्म की लंबाई बढ़ाते हैं। सार्जेण्ट और उसकी प्लाटून को हीरो की तरह पेश करने में वे कामयाब रहे हैं। एक्शन ‍दृश्यों के जरिये उन्होंने फिल्म में गति बनाए रखी है।

ऑरन एकहार्ट, माइकल रॉड्रिग्ज सहित सारे कलाकारों का अभिनय उम्दा है। स्पेशल इफेक्टस, कैमरावर्क, स्टंट्स सराहनीय है। यदि हॉलीवुड एक्शन फिल्में आपको पसंद है तो यह फिल्म आपके लिए है।