‘पंख’ की कहानी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी है। पैसों की लालच के कारण कई माँ-बाप अपने बच्चों का बचपन छीन लेते हैं। ये बच्चे फिल्म में बाल कलाकार की भूमिका निभाते हैं। उनका बचपन चकाचौंध रोशनी में खो जाता है। पढ़ाई पर प्रभाव पड़ता है। कई ऐसे किस्से भी सुनने को मिलते हैं जब माँ-बाप ने बच्चों को ऐसे इंजेक्शन लगवाए थे, जिससे उनका विकास रूक जाए और वे लंबे समय तक बाल कलाकार बनकर पैसा कमाते रहे।
‘पंख’ बेबी कुसुम नामक चाइल्ड स्टार की कहानी है। बेबी कुसुम को जबरदस्त सफलता मिलती है। लेकिन यह कुसुम लड़की नहीं बल्कि लड़का है। उसकी पहचान को छिपाकर रखा गया। वह अपनी पहचान को लेकर कन्फ्यूज़ है।
बेबी कुसुम बनने वाला जेरी अब 20 वर्ष का हो गया है। अपनी माँ से उसके संबंध ठीक नहीं है। उसके सपनो में नंदिनी नामक महिला आती है, जिससे वह अपनी बात कहता है। जेरी एक बार फिर वयस्क के रूप में फिल्मों में अपनी किस्मत को आजमाना है। उसकी कशमकश को यह फिल्म दिखाती है।