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Written By समय ताम्रकर

मिलेंगे-मिलेंगे : प्रेम और भाग्य का खेल

मिलेंगे मिलेंगे
बैनर : एस.के. फिल्म्स इंटरप्राइजेस
निर्माता : सुरिंदर कपूर
निर्देशक : सतीश कौशिक
गीत : समीर
संगीत : हिमेश रेशमिया
कलाकार : करीना कपूर, शाहिद कपूर, सतीश शाह, डेलनाज़ पॉल, आरती छाबड़िया, किरण खेर, हिमानी शिवपुरी, सतीश कौशिक, पणिनी राजकुमार
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शाहिद कपूर और करीना कपूर का रोमांस जब चरम पर था तो इस बात को बॉक्स ऑफिस पर भुनाने के लिए बोनी कपूर ने दोनों को लेकर एक रोमांटिक फिल्म बना डाली ‘मिलेंगे-मिलेंगे’। लेकिन फिल्म रिलीज हो, इसके पहले ही ‘जब वी मेट’ जैसी सफल फिल्म देने वाली यह जोड़ी अलग हो गई। वर्षों से बनकर तैयार यह फिल्म क्यों रिलीज नहीं हो पाई, इसका जवाब तो सिर्फ बोनी ही दे सकते हैं। अब जाकर 9 जुलाई को यह फिल्म प्रदर्शित होने वाली है। निर्देशक सतीश कौशिक का दावा है कि भले ही लंबा वक्त गुजर गया हो, लेकिन इससे कहानी की ताजगी पर ‍कोई असर नहीं पड़ा है।

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‘मिलेंगे-मिलेंगे’ एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है जो अमित (शाहिद कपूर) और प्रिया (करीना कपूर) की कहानी पर आधारित है। प्रिया और अमित की मुलाकात बैंकॉक के यूथ फेस्टिवल में होती है। आजकल के कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स से प्रिया एकदम डिफ्रेंट है। दिल से रोमांटिक प्रिया ने अपने लाइफ पार्टनर की एक इमेज बनाकर रखी है। वह ऐसा लड़का चाहती है जो स्मोकिंग से दूर रहता हो। शराब नहीं पीता हो। झूठ नहीं बोलता हो। प्रिया की लाइफ पार्टनर की परिभाषा पर अमित तो बिलकुल खरा नहीं उतरता। शराब तो वे ऐसे पीता है जैसे लोग पानी। चेन स्मोकर उसे कहा जाता है। बहाने बनाने के लिए झूठ बोले बिना उसका काम नहीं चलता।

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एक दिन प्रिया की पर्सनल डायरी अमित के हाथ लग जाती है। वह पढ़ कर जान लेता है कि प्रिया को किस तरह का लाइफ पार्टनर पसंद है। वह प्रिया के आगे अपने आपको उसी तरह प्रस्तुत करता है, जैसा प्रिया चाहती है। अब प्रिया को अट्रेक्ट तो होना ही था। दोनों बैकॉक साथ-साथ घूमते हैं और हर सेकंड एक-दूसरे के नजदीक खींचे चले आते हैं। यूथ फेस्टिवल खत्म होता है दोनों वापस दिल्ली लौटने की तैयारी करते हैं।
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प्रिया को अमित के रूम में अपनी डायरी की एक कॉपी मिलती है और वो समझ जाती है कि अमित ने उसे बेवकूफ बनाया है। धोखा दिया है। प्यार के नाम पर खिलवाड़ किया है। उधर अमित दोस्तों के साथ लोकल बार में बैठा हुआ है। वह अपने दोस्तों को बताता है कि वह सचमुच में प्रिया को चाहने लगा है। वह वैसा ही बन जाएगा जैसा प्रिया चाहती है। शराब और सिगरेट छोड़ देगा। बीयर से भरा आखिरी गिलास हाथ में लिए अंतिम सिगरेट जैसे ही वह सुलगाता है, सामने उसे प्रिया खड़ी नजर आती है। प्रिया उसे बुरा-बुरा कहती है। अमित उसे समझाने की कोशिश करता है, लेकिन प्रिया भला कहाँ उसकी सुनने वाली थी। अमित उसे कहता है कि यदि भाग्य में लिखा है तो वे फिर मिलेंगे। प्रिया को भी इस बात पर यकीन है। दोनों दिल्ली लौट आते हैं, इस बात से अनजान कि कौन कहाँ रहता है?
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कई वर्ष बीत जाते हैं। यूएसए से बिजनैस मैनेजमेंट की डिग्री लेकर अमित दिल्ली वापस आ जाता है। वह बिलकुल बदल गया है। वैसा ही बन गया है, जैसा लाइफ पार्टनर प्रिया चाहती है। प्रिया एक सक्सेसफुल म्यूजिक वीडियो डायरेक्टर है। एक पॉप सिंगर उसकी जिंदगी में है। दोनों शादी करने वाले हैं, लेकिन इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी वे अपने पहले प्यार को भूला नहीं पाए हैं। प्रेम और भाग्य में क्या संबंध होता है? क्या वाकई प्रेम भाग्य में लिखा होता है? क्या भाग्य उन्हें एक बार फिर मिलाएगा? इन प्रश्नों के जवाब मिलेंगे ‘मिलेंगे-मिलेंगे’ में।