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  4. MP High Court reverses lower court order that granted ownership of ancestral properties to saif ali khan family
Last Modified: सोमवार, 7 जुलाई 2025 (12:57 IST)

सैफ अली खान को 15,000 करोड़ की संपत्ति पर खतरा, भोपाल नवाब की विरासत का मामला क्या है?

Saif Ali Khan
बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें सैफ, उनकी मां शर्मिला टैगोर और बहनों सोहा व सबा अली खान को भोपाल के अंतिम नवाब की 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का एकमात्र वारिस घोषित किया गया था। 
 
हालांकि, सैफ और उनके परिवार के अधिकार पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं, लेकिन अब उनकी कानूनी लड़ाई और जटिल हो गई है। यह मामला 'शत्रु संपत्ति' (Enemy Property) केस से अलग है, जिसमें सैफ पहले से ही कानूनी जंग लड़ रहे हैं।
 
भोपाल की नवाबी और विरासत 
यह विवाद भोपाल के अंतिम नवाब हमीदुल्ला खान की संपत्तियों से जुड़ा है। हमीदुल्ला खान की मृत्यु 1960 में हुई थी। उनकी सबसे बड़ी बेटी आबिदा बेगम को उत्तराधिकारी बनाया गया था, लेकिन 1950 में वह पाकिस्तान चली गईं। इसके बाद उनकी छोटी बहन साजिदा बेगम को नवाब का खिताब और विशाल संपत्ति मिली। 
 
साजिदा की शादी पटौदी खानदान के नवाब इफ्तिखार अली खान से हुई थी। उनके बेटे मंसूर अली खान 'टाइगर पटौदी' मशहूर क्रिकेटर थे, जिन्होंने अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी की। सैफ, सोहा और सबा उनके बच्चे हैं। साजिदा से सैफ और उनके परिवार को यह संपत्ति विरासत में मिली थी।
 
'शत्रु संपत्ति' (Enemy Property) का कोण 
जब आबिदा बेगम पाकिस्तान चली गईं, तो उनकी संपत्तियों को भारत सरकार ने 'शत्रु संपत्ति' घोषित कर दिया। 'शत्रु संपत्ति' उन संपत्तियों को कहा जाता है, जो भारत छोड़कर 'शत्रु देश' (जैसे पाकिस्तान या चीन) में बसने वालों की थीं। 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 व 1971 के भारत-पाक युद्धों के बाद सरकार ने ऐसी संपत्तियों पर कब्जा कर लिया। सैफ और उनका परिवार इस 'शत्रु संपत्ति' मामले में पहले से ही कानूनी लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन हाईकोर्ट का ताजा फैसला इससे अलग है।
 
क्या है हाईकोर्ट का फैसला और इसका असर 
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें सैफ और उनके परिवार को संपत्ति का एकमात्र वारिस माना गया था। अब इस मामले में नई सुनवाई होगी, जिससे सैफ की विरासत पर अनिश्चितता बढ़ गई है। अगर कोर्ट का अंतिम फैसला उनके खिलाफ गया, तो 15,000 करोड़ रुपये की संपत्ति उनके हाथ से जा सकती है। 
 
यह कानूनी जंग सैफ और उनके परिवार के लिए लंबी और पेचीदा हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में संपत्ति के स्वामित्व को लेकर और सबूतों की जांच होगी। सैफ के परिवार को अब यह साबित करना होगा कि यह संपत्ति उनकी वैध विरासत है और इसे 'शत्रु संपत्ति' के दायरे से बाहर रखा जाए। 
 
सैफ अली खान की यह कानूनी लड़ाई न केवल उनकी पारिवारिक विरासत से जुड़ी है, बल्कि यह भारत में 'शत्रु संपत्ति' से संबंधित नीतियों और ऐतिहासिक संपत्तियों के स्वामित्व के जटिल मुद्दों को भी उजागर करती है। इस मामले पर देशभर की नजरें टिकी हैं, क्योंकि इसका परिणाम न केवल सैफ के परिवार, बल्कि ऐसी अन्य संपत्तियों के भविष्य को भी प्रभावित कर सकता है।
 
कहा जाता है कि अपनी संपत्ति को बचाने के लिए सैफ के पिता मंसूर अली खान ने भोपाल से कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें हार मिली थी। 
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