मनोज बाजपेयी ने संघर्ष के दिनों को किया याद, बोले- पहले शॉट के बाद ही निकाल दिया गया
एक्टर मनोज बाजपेयी को इंडस्ट्री के बेहतरीन कलाकारों में से एक माना जाता है। मनोज बाजपेयी ने थिएटर से टीवी और टीवी से फिल्मों तक का एक लंबा सफर तय किया है। पिछले साल उन्होंने वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन’ के जरिये डिजिटल स्पेस में भी कदम रखा है और वहां भी उनके काम की काफी सराहना हो रही है। हाल ही में मनोज ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बेहद चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
एक इंटरव्यूह के दौरान मनोज बाजपेयी ने कहा, “मैं उस दौर में बॉलीवुड में आया था जब कोई ऑडिशन नहीं हुआ करता था और कोई कास्टिंग डायरेक्टर नहीं था। कलाकारों को अपनी तस्वीरें एक सहायक निदेशक को देने होते थे, जो आखिरकार कचरे में फेंक दिया जाता है। ऐसा होते हुए मैंने खुद देखा है। जैसे ही मैंने अपनी पीठ घुमाई, एक या दो बार नहीं, कई बार।”
एक्टर ने आगे बताया कि उन्हें एक फिल्म या सीरीज से पहले शॉट के बाद ही निकाल दिया गया। मनोज ने कहा, “एक बार जैसे ही मैंने अपना पहला शॉट दिया, मुझे कॉस्टयूम उतारकर चले जाने को बोल दिया गया।”
गौरतलब है कि मनोज वाजपेयी ने साल 1994 में फिल्म ‘द्रोहकाल’ से बॉलीवुड में कदम रखा था, लेकिन उनको रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘सत्या’ से पहचान मिली, जिसमें उन्होंने भीखू म्हात्रे का किरदार निभाया था।
मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी अगली फिल्म ‘सूरज पे मंगल भारी’ की शूटिंग में व्यस्त हैं। फिल्म में उनके साथ दिलजीत दोसांझ और फातिमा सना शेख नजर आएंगे। फिल्म का निर्देशन अभिषेक शर्मा कर रहे हैं।