मंगलवार, 3 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. मिर्च-मसाला
  4. haramkhor's story should be told shweta tripathi
Written By

हरामखोर की कहानी कही जानी चाहिए

हरामखोर की कहानी कही जानी चाहिए - haramkhor's story should be told shweta tripathi
उनकी एकमात्र फीचर फिल्म क्रिटिक्स को पसंद आई और उनके काम की तारीफ भी हुई परंतु अभिनेत्री श्वेता त्रिपाठी का कहना है कि वह 'बिना दिमाग' के काम से दूर रहना चाहती हैं जिसमें उन्हें एक वस्तु बना दिया जाए। श्वेता की 2015 में आई मसान फिल्म में तारीफ हुई थी। वह इस फिल्म में विक्की कौशल के दलित किरदार की अपर-कास्ट प्रेमिका की भूमिका में थीं। 


 
उनके मुताबिक जोया अख्तर का सिनेमा 'कमर्शियल है परंतु फिर भी आपकी इंटेलीजेंस का अपमान नहीं करता'। वह बिना दिमाग का सिनेमा समझ नहीं पातीं। "मैं ऐसा सिनेमा नहीं देखती जहां लोग कहते हैं अपना दिमाग घर छोड़ के आओ। यह क्या है। मैं एक प्रोप की तरह कभी भी इस्तेमाल नहीं की जाना चाहती। जिसे सिर्फ उसके औरत होने के कारण देखा जाए।" 
 
वह आगे कहती हैं, "अगर मेरे काम से कहानी में कुछ बदलता है तो मैं इसे करूंगी।" नेशनल अवार्ड जीत चुकी फिल्म मसान, उनकी पहली रिलीज फिल्म बनी, श्वेता ने पहले शॉर्ट फिल्मों सुजाता, शॉर्ट्स - एक साथ पांच छोटी फिल्मों में काम किया है। इनके निर्देशक श्लोक शर्मा थे, जिसके साथ उन्होंने फिर हरामखोर की है। 
 
फिल्म की कहानी एक 14-साल की लड़की, जिसे श्वेता ने निभाया है और उनके ट्यूशन टीचर हैं नवाजुद्दीन सिद्धकी। अभिनेत्री के लिए विषय कभी महत्वपूर्ण नहीं था। ऐसे कई किस्से लोगों के पास हैं। "मुझे इसकी चिंता कभी नहीं हुई। यह हर कहीं होता है। मुझे नहीं लगता इससे कोई विवाद जुड़ेगा और सेंसर बोर्ड को इससे कोई परेशानी होगी।"
 
फिल्म, हालांकि, सेंसर बोर्ड की समिती के गले नहीं उतरी और इसे पास करने से इंकार कर दिया गया। श्वेता इस पर कहती हैं,"जब यह हुआ, मैं श्लोक से चाहे जब बात करती थी। यह बहुत बुरा लगा। जब बोर्ड से मिले, मैं भी गई हालांकि मेरे जाने की जरूरत नहीं थी।" फिल्म इस शुक्रवार को रिलीज हो रही है।