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Written By ND
Last Modified: मंगलवार, 2 अगस्त 2011 (13:06 IST)

शहनाज का हॉलीवुड से इश्क-विश्क!

कामिनी सहगल

शहनाज का हॉलीवुड से इश्क-विश्क! -
'इश्क-विश्क' से लेकर 'देल्ही-बैली' तक शहनाज ट्रेजरीवाला का बॉलीवुड का सफर बहुत ज्यादा फिल्मों का नहीं रहा है। एमटीवी वीजे से लेकर आमिर खान की "देल्ही-बैली" तक के दौर में शहनाज ने वीजे, मॉडल, फिल्म एक्ट्रेस और ट्रेवल राइटर की कई सारी भूमिकाएँ निभाई हैं।

फिलहाल अमेरिका में टीवी शो कर रहीं शहनाज ट्रेजरीवाला (जो अब खुद को शहनाज ट्रेजरी कहलाना पसंद करती हैं) "देल्ही-बैली" के अपने बोल्ड किरदार को लेकर चर्चा में हैं। वे कहती हैं कि फिल्म की स्क्रिप्ट उन्हें इतनी पसंद आई कि वे किसी भी कीमत पर इसका हिस्सा होना चाहती थीं।

शहनाज यह राज भी खोलती हैं कि "देल्ही-बैली" की उनकी को-स्टार पूर्णा जगन्नाथन की वजह से उन्हें अमेरिका के एबीसी टीवी शो "वन लाइफ टू लिव" में काम मिला। इस अमेरिकन धारावाहिक में वे रमा पटेल नाम की मजाकिया और स्वार्थी लड़की का किरदार निभा रही हैं। उन्हें बहुत खुशी होती है, जब अमेरिका के दर्शक सड़कों पर रोककर उन्हें "मिस पटेल" कहकर बुलाते हैं। जब वे लॉस वेगास गईं तो वहाँ उनका परिचय अमेरिकन सोप ओपेरा में काम करने वाली पहली भारतीय लड़की के तौर पर दिया गया था। वैसे वे बताती हैं कि वे अमेरिका कोई काम की तलाश में नहीं गई थीं। वे तो न्यूयॉर्क में छुट्टी मनाने गई थीं, लेकिन अब शो करते हुए वे वहीं रह रही हैं। इस बीच वे कई पत्रिकाओं के लिए यात्रा वृत्तांत भी लिखती रही हैं।

भारत में टीवी से शुरुआत करने के बाद भी शहनाज भारत में टीवी के लिए सिर्फ एंकरिंग करने के बारे में ही सोचती हैं, किसी सीरियल में काम करने के बारे में नहीं। बहुत कम लोग जानते हैं कि शहनाज ने डिस्कवरी ट्रेवल चैनल के लिए भी एक शो 'कल्चर शॉक' होस्ट किया था और एमटीवी वीजे के तौर पर आज भी वे ज्यादा लोकप्रिय हैं।

मॉडलिंग की बदौलत शहनाज को केन घोष की हिन्दी फिल्म "इश्क-विश्क" में भूमिका मिली थी, जो उनकी पहली फिल्म थी। बाद में अपने दूसरे काम करते हुए उन्होंने हिन्दी में कम ही फिल्में कीं। "देल्ही-बैली" से पहले 2009 में वे "आगे से राइट" और "रेडियो" में नजर आई थीं। उन्होंने इसी साल आई "लव का दि एंड" की पटकथा भी लिखी और उसमें एक रोल भी किया।

2003 से अब तक शहनाज बहुत ज्यादा हिन्दी फिल्मों में नजर नहीं आईं, क्योंकि वे कहती हैं कि उनका पूरा ध्यान अब हॉलीवुड की तरफ है। वे जानती हैं कि हिन्दी फिल्मों में नए चेहरों पर ज्यादा जोर दिया जाता है और चूँकि वे बचपन से ही टीवी स्क्रीन पर नजर आती रही हैं, इसलिए अब बॉलीवुड के लिए उनका चेहरा नया नहीं है, तो क्यों बेकार में अपनी ऊर्जा यहाँ लगाई जाए?

"देल्ही-बैली" के लिए भी उन्हें दूसरी कई लड़कियों की तरह ऑडिशन देना पड़ा था। वे इस बात के लिए आमिर खान की तारीफ करती हैं कि अपनी फिल्म के लिए उन्हें नए लोगों का ऑब्सेशन नहीं था, तभी तो वे "देल्ही-बैली" के लिए चुनी गईं।