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Written By ND

चंदा बनी गृहस्थन!

योगिता विजयकर

चंदा बनी गृहस्थन! -
'देव डी' , 'दैट गर्ल इन यलो बूट्स', 'शैतान' व 'जिन्दगी न मिलेगी दोबारा' की अभिनेत्री कल्की कोचलिन हिन्दी न आने के बावजूद सफलतापूर्वक हिन्दी फिल्मों में काम कर रही हैं। लीक से हटकर बनने वाली फिल्मों में उन्होंने अपने लिए एक खास स्थान बना लिया है। उनकी निजी जिंदगी भी उसी तरह लीक से हटकर रही है। वे लंबे समय तक अनुराग कश्यप के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहीं और हाल ही में दोनों विवाह सूत्र में बँधे हैं।

पांडिचेरी में पली-बढ़ी कल्की इंग्लिश के साथ फेंरच और तमिल जानती हैं। एक अभिनेत्री होने के साथ ही वे एक राइटर हैं और थिएटर की भी शौकीन हैं। उनके बारे में बहुत कम लोग ही यह जानते हैं कि कल्की ने कुछ दिनों के लिए वेटरेस का काम भी किया है। वे सिनेमा हॉल में पॉपकॉर्न बेचा करती थीं।

स्कूल के समय से ही कल्की की ड्रामा और साहित्य में रुचि थी। इसी रुचि के चलते उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से ड्रामा कोर्स किया और एक साल तक लंदन में काम किया। कल्की को वहाँ हर समय होने वाली बारिश बहुत डिपे्रसिंग लगती थी। साथ ही वे लंदन को डल और ग्रे शेड से भरा शहर बताती हैं। उन्हें भारत और परिवार की याद सताने लगी। यहाँ का खाना दाल-चावल, रोटी सब कुछ बहुत याद आने लगा। अतः वे भारत लौट आईं।

भारतीय अब तक गोरी चमड़ी वालों पर फिदा हैं, इसलिए कल्की को जल्द ही मॉडलिंग के ऑफर मिलने लगे, लेकिन वे इनसे संतुष्ट नहीं हुई और प्रॉडक्शन हाउस को अपना पोर्टफोलियो भेजती रहीं। एक दिन एक प्रॉडक्शन हाउस की तरफ से 'देव डी' के लिए कॉल आया और अंततः वे चंदा के किरदार के लिए चुन ली गईं। इस तरह उनका बॉलीवुड में फिल्मी करियर शुरू हुआ। 'देव डी' के साथ ही उनकी निजी जिंदगी में भी प्रेम कहानी शुरू हुई।

इस फिल्म के बाद से कल्की और अनुराग कश्यप का अफेयर शुरू हुआ। कल्की बड़े उत्साह से बताती हैं कि "देव डी" पूरी होने के बाद मैं भवन्स कॉलेज एक प्ले की रिहर्सल के लिए जाती थी। वहाँ रोज शाम को गेट पर अनुराग मुझे इंतजार करते हुए मिलते और वे साथ डिनर पर जाने के लिए कहते।

शुरू में तो मैं उनके साथ जाने को तैयार नहीं थी, क्योंकि मैंने निर्देशकों की कलाकारों से की जाने वाली "अपेक्षाओं" के काफी किस्से सुन रखे थे और फिर अनुराग मुझसे 10 साल बड़े हैं, तलाकशुदा और एक बेटी के पिता भी हैं, लेकिन उनके लगातार कहने से मैं केवल एक बार डिनर के लिए राजी हो गई। धीरे-धीरे हम एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए। हमें लगने लगा कि हम दोनों एक-साथ बहुत खुश रहते हैं। मैं जानती थी कि वे तलाकशुदा हैं, लेकिन मेरे लिए यह बात मायने नहीं रखती।

कल्की आगे बताती हैं कि कुछ दिनों बाद हमने तय किया कि हमें साथ रहना चाहिए। तो मैंने अनुराग के घर शिफ्ट कर लिया। जब मैं वहाँ पहँुची तो चौंक गई। अनुराग का दो साल पहले तलाक हो चुका था, अब वे कुआँरों-सी जिंदगी बसर कर रहे थे। उनके घर में न सोफा था, न चेयर और खाना भी अक्सर बाहर से ऑर्डर देकर मँगवाते थे। धीरे-धीरे मैंने चीजों को बदलना शुरू किया। सोफा खरीदा, घर पर खाना बनाने लगी और अनुराग को बाथरूम मैनर्स भी सिखाए! लगभग 3 सालों तक साथ रहने के बाद हमने इस साल 30 अप्रैल को शादी की।

कल्की बताती हैं कि अब हम खुशहाल वैवाहिक जीवन के साथ अपने काम पर ध्यान दे रहे हैं। घंटों हम अपने काम के बारे में बहस भी करते हैं। पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी को लेकर दोनों के मन में किसी प्रकार की असुरक्षा का भाव नहीं है। कल्की अनुराग को पहले बतौर फिल्म निर्माता जानती थीं, लेकिन अब वे एक पति के रूप में अनुराग को जानने की कोशिश कर रही हैं। वे फरमाती हैं कि अनुराग पति के रूप में ज्यादा दिलचस्प हैं, मुझे उम्मीद है कि हमारी यह यात्रा बहुत रोचक रहेगी।