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कोई स्पर्म डोनेशन या इरेक्टाइल डिसफंक्शन पर फिल्म कर सकता है : आयुष्मान खुराना

कोई स्पर्म डोनेशन या इरेक्टाइल डिसफंक्शन पर फिल्म कर सकता है : आयुष्मान खुराना - Latest Interview of Film Actor ayushmann khurrana
बरेली की बर्फी और शुभ मंगल सावधान के बाद आयुष्मान खुराना फिर एक बार लोगों के सामने आ रहे हैं, जहां आप तो उन्हें देख सकेंगे लेकिन वो आपको नहीं देख पाएंगे। 
 
अगली फिल्म अंधाधुन में वह एक दृष्टिहीन शख्स बने हैं। अपने रोल के बारे में वीजे रह चुके आयुष्मान को शब्द नहीं मिल रहे हैं। 
 
वेबदुनिया संवाददाता को आयुष्मान ने बताया- "मुझे इस फिल्म के बारे में क्या क्या बोलना है समझ में नहीं आ रहा है। ये मेरी बाकी फिल्मों की तरह आम इंसान के जावन पर बनी फिल्म होती तो मैं बहुत कुछ बता सकता था, लेकिन ये एक थ्रिलर और मर्डर मिस्ट्री वाली फिल्म है तो समझ में नहीं आ रहा कि कितना बताऊं और कितना छुपाऊं?’’



आप फिल्म में दृष्टिहीन हैं। क्या तैयारियां की रोल के लिए? 
हम मुंबई के वर्ली इलाके के अंध विद्यालय में गए थे। उनसे जाना कि उनकी ज़िंदगी कैसी होती है? उनकी दिनचर्या क्या है? कैसे वे बिना देखे काम करते हैं? कैसे अपनी छड़ी से रास्ता समझ कर चलते हैं? कैसे छड़ी की मदद से सीढ़ियां चढ़ते-उतरते हैं? मैं इसमें एक दृष्टिहीन पियानो वादक का रोल कर रहा हूं जो एक खून की घटना का चश्मदीद गवाह होता है, लेकिन उसकी गवाही कैसे होगी? वह तो खुद देख भी नहीं सकता।   
 
आपको पियानो बजाना आता है? 
नहीं। उसकी खास ट्रेनिंग ली। एक दृष्टिहीन पियानो वादक है राहुल, वह  श्रीधर (श्रीराम राघवन) सर के ऑफिस में आकर मुझे सिखाता था। वह सबसे पहले बीच वाली ‘की’ ढूंढता था, फिर बाकी वाली ‘की’ ढूंढ कर बजाता था। यहां मेरा गायक होना काम आ गया। हम आज गाने देखते हैं और फिर पसंद करते हैं। जबकि मैं गायक हूं तो पहले गाना सुनता हूं। मैंने सोचा है कि जब भी मैं गाने बनाऊंगा तो दोस्तों को पहले सुनाऊंगा। अगर इन लोगों को पसंद आया तभी रिकॉर्ड करूंगा।



आपकी फिल्में थोड़ी अनोखी रहती है। 
हां, मैं वही फिल्में करता हूं जो विचित्र किस्म की होती है। वर्ना बताइए कोई स्पर्म डोनेशन या इरेक्टाइल डिसफंक्शन पर फिल्म कैसे कर सकता है? मेरे हिसाब से आज के दर्शक पहले जैसे नहीं रहे हैं, वे ऐसे विषय देखना चाहते हैं और बतौर अभिनेता मेरी ज़िम्मेदारी है कि अगर मैंने अपने समाज से कुछ लिया है, सीखा है, तो मैं भी उनके लिए कोई काम कर जाऊं। मैं तो खुशनसीब ही कहूंगा अपने आप को कि मैंने ऐसी फिल्मों के ज़ॉनर में अपना नाम कर लिया है। कम से कम एक जगह तो बना ली है।

आपके भाई अपारशक्ति भी इन दिनों फिल्मों में दिखाई दे रहे हैं। 
मैं खुश हूं उसके लिए। ‘दंगल’ में उसका काम पसंद किया गया था।  उसकी फिल्म ‘स्त्री’ के प्रीमियर और सक्सेस पार्टी में जा नहीं जा सका था। ‘अंधाधुन’में बिज़ी चल रहा था, लेकिन अच्छा लगता है उसे काम करते देखना। हम दोनों भाई घर पर कई बातें शेयर करते हैं। फिल्में भी डिस्कस करते हैं। वैसे भी उसकी और मेरी फिल्मों का चयन अलग ही होता है। मैं क्वर्की फिल्में करता हूं और वह थोड़ी फनी जैसी फिल्म करता है। 
 
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