• Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. मुलाकात
  4. I used to roam in half paint when 'Maine Pyar Kiya' was released: Prabhas
Last Updated : गुरुवार, 5 सितम्बर 2019 (11:37 IST)

सलमान को टक्कर! 'मैंने प्यार किया' रिलीज हुई थी तब मैं हाफ पेंट में घूमता था : प्रभास

सलमान को टक्कर! 'मैंने प्यार किया' रिलीज हुई थी तब मैं हाफ पेंट में घूमता था: प्रभास | I used to roam in half paint when 'Maine Pyar Kiya' was released: Prabhas
प्रभास की हालिया रिलीज फिल्म 'साहो' बॉक्स ऑफिस पर अब तक अच्छा प्रदर्शन कर रही है। बाहुबली के बाद प्रभास अब हिंदी भाषी क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए हैं और फिल्म के हिंदी वर्जन ने मात्र 5 दिनों में सौ करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन कर लिया है। पेश है प्रभास से बातचीत। 
 
अब हिंदी फ़िल्मों में और भी दिखाई देंगे आप?
निर्भर करता है कि मेरे पास कैसी स्क्रिप्ट्स आती हैं। तमिल और तेलुगु तो करता ही हूं। हिंदी भी कर रहा हूं। मलयालम सिनेमा करना है। इसके अलावा भी कुछ और रीजनल सिनेमा है जिसके बारे में सोच रहा हूं। 


 
आपको लगता है कि बाहुबली के बाद दक्षिण और हिंदी फ़िल्मों में दूरी कम हुई है? 
हां, दूरी कम हुई है। लेकिन दक्षिण में तो पहले भी हिंदी फ़िल्में पसंद की जाती रही हैं। मेरी माँ विजयवाडा के करीब बसे गन्नावरम नाम के छोटे से शहर से हैं। वहां पर 'मैंने प्यार किया' लगातार 100 से भी ज्यादा दिनों तक चली थी। मेरे नानाजी को ये फिल्म बहुत पसंद थी और वे सलमान खान के फैन बन गए थे। मुझे हमेशा से ये लगता रहा है कि मेरे घरवाले मुझे ऐसी फ़िल्मों में देखना चाहते हैं जिसकी पहुंच देश के कई हिस्सों तक हो। 
 
आपने एक बार कहा था कि 'बाहुबली' के बाद आप ऐसी फिल्म करेंगे जो जल्दी पूरी हो जाए। 
हां, लेकिन 'साहो' ने भी बहुत समय ले लिया। मैंने सोचा था कि 'बाहुबली' ऐसी फिल्म थी जिसमें काफी समय लग गया और 'साहो तो एक साल में खत्म हो जाएगी, लेकिन हमारे एक एक्शन सीक्वेंस को ही फिल्माने में आठ महीने लग गए। इसमें लगभग 70 करोड़ रुपये लगे। 50 लोग हॉलीवुड से आए थे इस एक्शन सीन के लिए। हमारी शूट आबुधाबी में हुई थी। वहां बहुत सारा सामान और गाड़ियां लगी थीं। ऐसा लगता था जैसे हमने वहां कोई फैक्ट्री खोल ली है। 
 
आपकी सफलता को देख कर लगता है कि सलमान और शाहरुख के लिए प्रतिद्वंदी आ गया है? 
बिल्कुल भी नहीं। मैंने तो कहा ना कि मेरे नाना को सलमान की 'मैंने प्यार किया' पसंद थी। तब मैं शायद हाफ पैंट पहन कर घूमता था। मैं उन दोनों का फैन हूं। एक फैन किसी को कॉम्पिटिशन कैसे दे सकता है? ये दोनों वर्षों से काम करते चले आ रहे हैं। कितने सारे लोगों के लिए प्रेरणा बने हैं। आज से पचास साल बाद भी इनका कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं हो सकता। आमिर खान का तो मैं बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। 'दिल चाहता है' और 'लगान' एक ही साल में रिलीज हुई थीं। मैं तो ये सोचता हूं कि कोई कलाकार कैसे एक ही साल में दो बिल्कुल अलग फ़िल्मों में काम कर पाता है और उसके काम में कोई कमी नहीं है। 
 
साहो में आप थोड़े ग्रे शेड वाले किरदार में नजर आएं। 
मैं तो बाहुबली के बाद कोई हल्की-फुल्की रोमांटिक फिल्म करना चाहता था, लेकिन 'साहो' आ गई सामने। जहां तक मेरे ग्रे रोल का सवाल है तो ये अच्छा है। ग्रे-शेड सबको पसंद आते हैं। थोड़े इंट्रेस्टिंग होते हैं ना।