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मैं और डैड (यश चोपड़ा) शाहरुख खान से प्रभावित नहीं थे : आदित्य चोपड़ा

मैं और डैड (यश चोपड़ा) शाहरुख खान से प्रभावित नहीं थे : आदित्य चोपड़ा - Shah Rukh Khan, Aditya Chopra, SRK 25 Years of a life on Shah Rukh Khan
फिल्ममेकर समर खान की किताब 'एसआरके 25 ईयर्स ऑफ ए लाइफ ऑन शाहरुख खान' में आदित्य चोपड़ा ने शाहरुख खान के बारे में बात की है। आदि, ऐसे निर्देशक हैं जिन्होंने सुपरस्टार शाहरुख खान को उनकी जिंदगी का सबसे अधिक प्रभावी किरदार दिया। आइए जानते हैं कि शाहरुख के बारे में क्या लिखा आदित्य ने। 
 
मैंने शाहरुख के साथ तीन फिल्में बनाई हैं, दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे, मोहब्बतें और रब ने बना दी जोड़ी। तीन फिल्मों का मतलब होता है तीन किरदार और तीन कहानियां, परंतु मेरे दिमाग में, तीनों कहानियां असल में सिर्फ एक आदमी की कहानी है। वे सिर्फ एक इंसान के तीन अलग वर्जन हैं। डीडीएलजे में, मैंने शाहरुख को प्यारा, अमीर, बिगडैल लवर-बॉय बनाया। वह बुरा लड़का है, परंतु उसका दिल सोने का है। वह ऐसा लड़का है जिसकी तरफ लड़कियां खींची चली आती हैं। स्टाइलिश बदमाश, जो हर लड़की की चाहत होता है। शुरुआत में, मैं इस किरदार की जिंदगी के तीन पढ़ाव तीन फिल्मों में दिखाना चाहता था।  
समय के साथ, कहानियां बदल गईं, परंतु हां, एक तरीके से, शाहरुख के तीनों किरदार एक दूसरे से निकले हैं और आपस में जुड़े हुए हैं। जब मैंने सोचा कि राज (डीडीएलजे का) 10 साल बाद कैसा होगा, अगर उसकी जिंदगी का प्यार खो जाए, तो जवाब राज आर्यन मल्होत्रा था। 
 
यह उसके मोहब्बतें में किरदार की शुरुआत थी। सुरिंदर साहनी के साथ, मैंने उस राज को दिखाने की कोशिश की जो हम सब में छुपा है।   
 
हमारी प्यार की कहानियों में, हम सभी राज और सिमरन हैं, परंतु सिर्फ इसलिए कि हमारे पास तामझाम नहीं है, लेदर जैकेट्स और हार्ले डेविडसंस नहीं है। यह रोजमर्रा की हर चीज़ के बारे में बहुत ही अचानक से आया विचार था। मैंने अपने ऑफिस से किसी को उसकी पत्नी या गर्लफ्रेंड के लिए फूल और चॉकलेट्स खरीदते देखा। इससे मुझे लगा कि कहीं न कहीं हम सभी राज बनने की कोशिश करते हैं। सुरिंदर साहनी एक आम आदमी है जो फिल्मों का थोड़ा जादू अपनी शादीशुदा जिंदगी में लाने की कोशिश करता है। 
 
राज के किरदार की तरह, शाहरुख के साथ मेरा रिश्ता भी दो दशकों के लंबे समय के दौरान बदला है। जब हमने उसे डर के लिए चुना था, सही कह रहा हूं, न तो मुझे और न ही पापा को वो खास पसंद आया था। वह राकेश रोशन की फिल्म किंग अंकल में काम कर रहा था और हमारे हाथ उस फिल्म के कुछ फुटेज लगे। हम में से कोई भी बहुत प्रभावित नहीं था परंतु जैसे तैसे, और शायद इसलिए कि बाकी सबने नकारात्मक किरदार के लिए मना कर दिया था, हमने उसे साइन कर लिया। 
 
उसके साथ हमारा पहला शॉट होली का गाना था। मुझे लगता है कि यही वह दिन था, जब मैं जान गया कि यह आदमी एक दिन सुपरस्टार बनने वाला है। उसमें एक अलग तरह का पागलपन था। मैं फिल्म डर का पहला असिस्टेंड डायरेक्टर था। 
 
हममें थोड़ी दोस्ती हो गई थी जो इतनी नहीं थी कि हम साथ में बीयर पीते और टाइम बिताते। जब मैंने डीडीएलजे बनाने का फैसला किया, मुझे पता था कि मुझे शाहरुख चाहिए क्योंकि उन दिनों, शाहरुख एक बार में दो इंसान होता था। शाहरुख, जो असलियत में था और दूसरा वह जो इमेज वह पर्दे पर ले आता था। 
 
उसके अब तक अधिकतर किरदार घमंडी, अक्खड और जुनूनी इंसान के थे। ये वे सभी चीजें थी जो वह असल जिंदगी में नहीं है। एक अच्छा लड़का हर बार बुरे किरदार कर रहा था। असल जिंदगी में वह एक ईमानदार, समझदार और दयालु लड़का था। यही वे खूबियां थीं जो मैं चाहता था कि डीडीएलजे में सामने आएं। मैं उसकी इमेज बदलना चाहता था। 
 
मैं चाहता था कि पर्दे वाला शाहरुख खान असल जिंदगी वाले शाहरुख में तब्दील हो जाए... जो अन्य कोई नहीं कर सकता था। शुरुआत में, शाहरुख फिल्म की स्क्रिप्ट को लेकर कोई खास उत्सुक नहीं था। वह एक एक्शन हीरो वाले रोल की अपेक्षा कर रहा था और मैं उससे नर्म दिल, रोमांटिक किरदार करने को कह रहा था। 
 
ऐसा नहीं है कि उसे कहानी पसंद नहीं आई थी, बात सिर्फ इतनी थी कि यह बहुत अलग सा था। मुझे लगता है यश चोपड़ा का बेटा होने का फायदा मुझे यहां मिला। उसका मेरे पिता के प्रति सम्मान उसे मुझे ना कहने से रोक रहा था। परंतु मुझे लगता है कि त्रिमूर्ति की शूटिंग के दौरान ही वह 100 प्रतिशत दिमागी तौर पर हमारे साथ हो चुका था।  
 
स्टार्स से मिलने बहुत से लोग सेट्स पर आते हैं। एक दिन एक वृद्ध आंटी ने शाहरुख से कहा, "तुम इतने अच्छे हो, अच्छे रोल क्यों नहीं करते?" मुझे लगता है इस महिला के शब्दों ने शाहरुख में कुछ बदल दिया। इस समय तक, हमारे संबंध ऐसे हो गए थे कि मुझे उसके सपने और भविष्य को लेकर इच्छाएं पता थीं। मुझे उसका सबसे बड़ा सुपरस्टार बनने का सपना भी पता था। 
 
मैंने उसे कहा कि उसे हर मां का बेटा बनना होगा, हर बहन का भाई और सबसे बढ़कर हर महिला के मन का आदमी बनना होगा अगर उसे अपना सपना पूरा करना है तो। मैंने उसे कहा कि डीडीएलजे में, कोई फाइट सीक्वेंस नहीं होंगे, कोई खूनखराबा नहीं होगा। उसके पास सिर्फ वही होगा कहानी बयां करने के लिए। यह वह दिन था जब उसने फिल्म के लिए हां कही। जब हमने मोहब्बतें बनाना शुरू किया, मुझे लगता है मैंने शाहरुख का फायदा उठाना शुरू कर दिया।   
 
रब ने बना दी जोड़ी बहुत ही अजीब हालातों में हुई। कंपनी का काम अच्छा नहीं चल रहा था और मुझे कंपनी की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए एक फिल्म बनानी थी, परंतु उसी समय, मैं सिर्फ फिल्म बनाने के लिए फिल्म नहीं बनाना चाहता था। जब मैंने रब ने बना दी जोड़ी बनाई, मैं स्टारों से भरी कोई फिल्म भी बना सकता था, परंतु जिस कहानी ने मुझे प्रभावित किया वह एक आम आदमी और उसकी आम जिंदगी की कहानी थी। इस समय मुझे प्यार के बारे में आम में बेहद खास होने का अहसास हुआ। मैं लंदन गया और फायनल स्क्रिप्ट के साथ लौटा। मैंने शाहरुख से संपर्क किया और उसे बताया कि तीन महीनों में शूटिंग शुरू करनी है। उसने तुरंत ही हां कर दी।  
 
जब मैंने शाहरुख के सामने सुरिंदर का रोल सुनाया तो वह बहुत उत्साहित हो गया। एक दिन मेरे ऑफिस में बहुत से कागज़ों के साथ आकर सुरिंदर के चलने, बोलने, कपड़ों और व्यवहार के बारे में बताने लगा। मैंने उसे किसी अन्य रोल के लिए इतना होमवर्क करते पहले कभी नहीं देखा था। मुझे लगता है कि फिल्म में दो अलग किरदारों में होने वाले अंतर से उसकी इतनी रूचि जागी थी। 
 
लंबे समय में एक निर्माता, निर्देशक और एक दोस्त के तौर पर, मैंने शाहरुख को कई किरदार और हर तरह के इमोशन निभाते देखा है, परंतु मुझे अभी भी लगता है कि शाहरुख पूरे दिल से नहीं हंसता। उसकी हंसी उसकी आंखों तक नहीं पहुंचती। हर बार यह थोड़ी खोखली और नकली होती है। इसका कारण शायद कम उम्र में माता-पिता को खो देना है। मुझे नहीं लगता कि वह इस नुकसान से कभी उबर पाया है। एक अभिनेता के तौर पर, मुझे लगता है कि वह सारी दुनिया में सबसे अच्छा अभिनेता है और उसकी क्षमताओं का अभी तक हमने सिर्फ 10 प्रतिशत अंश ही देखा है। उसका 90 प्रतिशत अभी आना बाकी है। 
 
एक फिल्मकार और दोस्त के तौर पर, मैं आशा करता हूं कि जल्दी ही, उसे ऐसा रोल मिलेगा जिसमें उसका बचा हुआ 90 प्रतिशत बाहर आएगा। मैं आशा करता हूं कि मैं उसे ऐसे रोल दूंगा जो दुनिया से कहेंगे, आपने अब तक सुपरस्टार शाहरुख को देखा है, अब अभिनेता शाहरुख को देखिए। 
 
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